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पाकिस्तान को आतंकियों को पनाह देना काफी भारी पड़ गया है. दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली किसी भी तरह की आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है. व्हाइट हाउस ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि पाकिस्तान को मिलने वाली 255 मिलियन यूएस डॉलर की मदद अब नहीं मिलेगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ही ट्वीट कर इस बात का ऐलान किया था कि बस, अब नो मोर!
लगता है कि पिछले तीन महीने में काफी कुछ बदल गया है. तीन महीने पहले ही ट्रंप ने ट्वीट कर पाकिस्तान की तारीफ की थी. उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि हम पाकिस्तान के साथ एक नए तरह के रिश्ते बनाने की कोशिश कर रहे हैं, उनकी मदद के लिए शुक्रिया. ट्रंप के इस ट्वीट पर उस समय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी निशाना साधा था. राहुल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि शायद आपके दोस्त तो एक बार फिर गले मिलने की जरूरत है.
गौरतलब है कि अमेरिका लगातार पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई तेज करने की बात करता रहा है. लेकिन पाकिस्तान का रुख आतंक को लेकर नहीं बदला है, हाल ही में मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज़ सईद को नजरबंदी से रिहा कर दिया था. जिसके बाद से ही अमेरिका पाकिस्तान पर बिफरा हुआ था.
आपको बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी एक बार पाकिस्तान के सबसे बड़े खतरा होने का जिक्र कर चुके हैं. जब ओबामा राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके लिए सबसे डरावना सपना पाकिस्तान है. उन्हें रात को ये सपना आता है कि कहीं पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर आतंकवादियों का कब्जा ना हो जाए.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की लताड़ के बाद पाकिस्तान आनन-फानन में आतंकियों संगठनों पर शिकंजा कसने में जुट गया है. 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर शिकंजा कसते हुए पाकिस्तान ने जमात-उद-दावा पर विदेशी फंड लेने पर बैन लगा दिया है. इसके अलावा तीन और संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है.