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बोलान की पहाड़ियों पर बंधकों की 100 से ज्यादा लाशें! Pak आर्मी फैक्ट छुपा रही, स्थानीय लोग खोल रहे पोल

पाकिस्तान की सेना ने बलूचिस्तान में हाईजैक हुई जाफर एक्सप्रेस ट्रेन से सभी बंधकों को छुड़ाने का दावा किया है. सेना ने दावा किया है कि बंधकों की रिहाई को लेकर उनका रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है. लेकिन BLA का दावा सेना के दावे से बिल्कुल अलग है. इस बीच एक पंजाबी फौजी ने सेना की पोल खोल दी है.

बलूचिस्तान में बंधकों को लेकर पाकिस्तान सेना और बीएलए विद्रोहियों के दावे अलग-अलग बलूचिस्तान में बंधकों को लेकर पाकिस्तान सेना और बीएलए विद्रोहियों के दावे अलग-अलग
शिवानी शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 5:32 PM IST

पाकिस्तानी सेना का दावा है कि बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के चंगुल से सभी बंधकों को रिहा कराकर इस रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा कर लिया गया है. वहीं, बीएलए ने डंके की चोट पर कहा है कि अभी भी 150 से ज्यादा लोग उनके चंगुल में है. लेकिन इस बीच पता चला है कि बोलान की पहाड़ियों पर 100 से ज्यादा शव पड़े हैं.

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स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान सेना के ऑपरेशन के दौरान बोलान की पहाड़ियों से बड़ी तादाद में बंधकों के क्षत-विक्षत शव मिले हैं. इनमें से अधिकतर शव सैनिकों के हैं, जो छुट्टियों पर थे. 

स्थानीय और सैन्य सूत्रों का कहना है कि 100 से ज्यादा शव बोलान की पहाड़ियों पर हैं. इस बीच मृतकों की कुल संख्या अभी भी रहस्य बनी हुई है. 

बोलान न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, क्षेत्रीय सूत्रों ने पुष्टि की है कि बीएलए ने अभी भी पाकिस्तानी सेना के कई सैन्यकर्मियों को बंधक बना रखा है.

बता दें कि पाकिस्तान की सेना ने बलूचिस्तान में हाईजैक हुई जाफर एक्सप्रेस ट्रेन से सभी बंधकों को छुड़ाने का दावा किया है. सेना ने दावा किया है कि बंधकों की रिहाई को लेकर उनका रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है. लेकिन BLA का दावा सेना के दावे से बिल्कुल अलग है. इस बीच एक पंजाबी फौजी ने सेना की पोल खोल दी है.

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पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि 24 घंटे से ज्यादा चले इस ऑपरेशन में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के सभी 33 विद्रोहियों को मार गिराया गया है और उनके कब्जे से सभी बंधकों को रिहा कर लिया गया है. लेकिन बीएलए का कहना है कि अभी भी उनके चंगुल में 150 से अधिक बंधक हैं. 

इस बीच जफार एक्सप्रेस ट्रेन में बंधक रहे एक प्रत्यक्षदर्शी पंजाबी फौजी ने बताया है कि उसने अपनी आंखों से बलूच विद्रोहियो को कत्लेआम करते देखा है. पंजाबी फौजी ने बताया कि मैंने खुद 50 से 60 पाकिस्तानी सैनिकों को मरते देखा है, जिन्हें बीएलए के लड़ाकों ने मार गिराया. इस प्रत्यक्षदर्शी के बयान के बाद पाकिस्तान के झूठ के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. 

द बोलान न्यूज ने सोशल मीडिया पर चश्मदीदों के वीडियो शेयर किए हैं. एक वीडियो में पीड़ित चश्मदीद बता रहा है कि बीएलए के लड़ाकों ने 50 से 60 लोगों को उसके सामने मार गिराया था. 

रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेन में कुल 440 यात्री सवार थे जिनमें से 21 को ट्रेन पर कब्जे के दौरान ही बीएलए लड़ाकों ने मार गिराया था. इनमें सेना के चार जवान भी शामिल थे. इसके बाद पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन में बाकी बचे 200 से ज्यादा बंधकों को छुड़ाया गया.  इससे पहले बुधवार को बीएलए ने 150 से ज्यादा बंधकों को रिहा कर दिया था.

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पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि हमने महिलाओं और बच्चों समेत बड़ी संख्या में बंधक बनाए गए लोगों को छुड़ा लिया है. 212 यात्रियों को बीएलए के चंगुल से छुड़ाया है. इस ऑपरेशन में 21 बंधकों की मौत हुई है और सभी 33 विद्रोहियों को मार गिराया गया है.

BLA ने कैसे दिया हमले को अंजाम?

पाकिस्तान के क्वेटा से जाफर एक्सप्रेस मंगलवार सुबह लगभग 9 बजे पेशावर के लिए रवाना हुई थी. इस ट्रेन को दोपहर 1.30 बजे सिब्बी पहुंचना था. लेकिन बोलान के माशफाक टनल में हमला हुआ. ट्रेन जहां से गुजर रही थी, वह पहाड़ी इलाका है. यहां 17 सुरंगें हैं, जिस कारण ट्रेन की रफ्तार धीमी करना पड़ी, जिसका फायदा उठाकर बीएलए ने माशफाक में टनल नंबर-8 को उड़ा दिया. इससे ट्रेन बेपटरी हो गई और ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया था.

इस हमले को BLA ने पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया था. BLA के लड़ाके पहले से ही घात लगाकर बैठे थे. हमले के लिए BLA ने अपने सबसे घातक लड़ाके मजीद ब्रिगेड और फतेह को तैयार किया था.

पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन की वजह से आतंकी दो समूहों में बंटे हुए थे. बीएलए के विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को मशकाफ टनल (Mashkaf Tunnel) में हाईजैक किया था. यह टनल क्वेटा से 157 किलोमीटर की दूरी पर है. यह टनल जिस इलाके में है, वह बेहद दुर्गम पहाड़ी इलाका है, जिसका सबसे नजदीकी स्टेशन पहरो कुनरी है. हाईजैक हुई ट्रेन बोलन दर्रे में खड़ी हुई थी. यह पूरा इलाका पहाड़ियों और सुरंगों से घिरा हुआ है.

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बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे अशांत प्रांत है. यहां 1948 से ही बलूचों और पाकिस्तानी सेना के बीच टकराव होता रहा है. बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से अलग होने की मांग समय से कर रहे हैं. बीते कुछ समय में चीन का इस इलाके में दखल बढ़ा है. चीन इस इलाके में कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जिस वजह से उन पर लगातार हमले भी हो रहे हैं.

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