
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में भीड़ द्वारा हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की घटना के बाद रविवार को आठ पुलिस अधिकारियों को ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने के लिए निलंबित कर दिया गया. पुलिस ने बताया कि अभी तक इस घटना के सिलसिले में 100 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इसमें से 45 व्यक्तियों को रविवार को गिरफ्तार किया गया.
खैबर पख्तूनख्वा में करक जिले के टेरी गांव में भीड़ ने बुधवार को मंदिर के विस्तार कार्य के विरोध में उसमें तोड़फोड़ की थी और आग लगा दी थी. इस घटना के सिलसिले में दर्ज की गई प्राथमिकी में 350 से अधिक व्यक्ति नामजद हैं. पुलिस अधीक्षक (जांच) जहीर शाह ने बताया कि इस मामले में 100 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें सात प्रमुख आरोपी शामिल हैं. वहीं प्राथमिकी में नामजद सभी 350 व्यक्तियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों को आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) में पेश किया गया और अदालत ने उन्हें तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया. इस मंदिर में एक हिंदू धार्मिक नेता की समाधि भी थी. मंदिर की दशकों पुरानी इमारत के जीर्णोद्धार के लिए हिंदू समुदाय ने स्थानीय अधिकारियों से अनुमति ली थी. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के नेताओं ने मंदिर पर हमले की कड़ी निंदा की.
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भारत ने भी मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को लेकर पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की. वहीं, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार क्षतिग्रस्त मंदिर और समाधि का जल्द से जल्द पुनर्निर्माण कराएगी.
मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने मंदिर को हुए नुकसान के आकलन के लिये चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. समिति हिंदू समुदाय के साथ विचार-विमर्श कर मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए योजना भी तैयार करेगी. समिति से 10 दिन में अपना कार्य पूरा करने को कहा गया है.