
भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने बुधवार को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया. इसके एक दिन बाद गुरुवार को पाकिस्तान ने भी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगा दिया.
पाकिस्तान ने जो प्रतिबंध लगाए हैं उनमें संपत्ति, यात्रा पर रोक और हथियारों की खरीद पर प्रतिबंध शामिल हैं. आदेश में कहा गया है कि मसूद अजहर और उससे जुड़ी संपत्तियों, आर्थिक और वित्तीय संसाधनों पर बिना कोई देर किए रोक लगा दी जाए. यह रोक व्यक्तिगत, सामूहिक और अंडरटेकिंग्स पर एक साथ लागू होगी. पाकिस्तान के अंदर अजहर से जुड़ी संपत्तियों या अन्य संसाधनों का कोई व्यक्तिगत या सामूहिक तौर पर इस्तेमाल नहीं हो सकेगा. आदेश में पाकिस्तान के अंदर-बाहर मसूद अजहर के आने जाने पर रोक लगा दी गई है. किसी अन्य देश को भी उसे अपने यहां शरण देने पर रोक रहेगी. हालांकि पाकिस्तान में उसके खिलाफ चल रहे मुकदमों के लिए आवाजाही की छूट दी जाएगी.
मसूद अजहर के साथ अब कोई हथियार का सौदा भी नहीं हो सकेगा. आदेश के मुताबिक मसूद अजहर के साथ व्यक्तिगत, सामूहिक या उसके उपक्रमों के साथ कोई देश या व्यक्ति हथियारों का सौदा नहीं कर सकता. यह आदेश पाकिस्तान और अन्य देशों के लिए भी लागू होंगे. कोई देश मसूद अजहर को या उसकी संस्था को हथियार, मिलिट्री की गाड़ियां, पैरामिलिट्री से जुड़े उपकरण, तकनीकी सलाह, सहयोग या मिलिट्री से जुड़ी ट्रेनिंग नहीं दे सकते.
गौरतलब है कि बुधवार को यूएनएससी ने मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया. इस पर अब तक रोक लगाने वाला चीन भी मसूद के खिलाफ आ गया जिसके बाद उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया गया. यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है क्योंकि मसूद अजहर कई मामलों में भारत में वांछित है.
अजहर ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से जनवरी 2000 में जैश ए मोहम्मद (जेईएम) की स्थापना की थी. भारत ने उसे एक भारतीय विमान में बंधक बनाए गए 166 यात्रियों को छुड़ाने के बदले जेल से रिहा किया था. काठमांडू से नई दिल्ली जा रहे विमान का अपहरण कर अफगानिस्तान के कांधार ले जाया गया और आतंकवादियों ने मसूद समेत अन्य आतंकवादियों को रिहा करने के बदले इन यात्रियों को छोड़ने की शर्त रखी थी. उसके बाद, उसके संगठन ने भारत में लगातार हमले किए, जिसमें 13 दिसंबर, 2001 को भारत की संसद पर किया गया हमला भी शामिल है. हाल ही में इस संगठन ने 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की गाड़ी पर आत्मघाती हमला किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे.
हालांकि मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव पर सहमति जताने के कुछ देर बाद, चीन ने बुधवार को पाकिस्तान का बचाव किया और कहा कि देश ने आतंकवाद से लड़ने में बहुत बड़ा योगदान दिया है. बीजिंग ने यह भी कहा कि वह मजबूती से पाकिस्तान का आतंकवादियों और अतिवादी ताकतों से लड़ाई लड़ने के प्रयास का समर्थन करता है.