
पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री और पीटीआई सांसद शौकत तरीन ने कहा है कि हालिया सरकार द्वारा पेश बजट त्रुटिपूर्ण है और इसकी मदद से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कोई फंड नहीं मिलने वाला. शुक्रवार के पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया था. 9502 अरब रुपये का ये बजट अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. बजट पर टिप्पणी करते हुए शौकत तरीन ने कहा कि इससे पेट्रोल की कीमतों में 35 रुपये की बढ़ोतरी होगी और मंहगाई भी बढ़ेगी.
पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीटीआई के नेताओं के साथ शनिवार को इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए तरीन ने कहा कि पहले से ही बढ़ रही ईंधन की कीमतें अभी और बढ़ेंगी क्योंकि सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से फंड प्राप्त करने के शर्तों के तहत पेट्रोलियम उत्पादों पर पीडीएल (Petroleum Development Levy) लगाने की योजना बना रही है.
उन्होंने कहा, 'इस सरकार को आईएमएफ से कोई राहत नहीं मिलेगी. सरकार ने घाटे का बजट पेश किया है, जबकि हमारी सरकार के दौरान जीडीपी में 30 सालों में सबसे अधिक बढ़ोतरी देखी गई है.'
पीटीआई सांसद ने दावा किया कि महंगाई 24 फीसदी तक पहुंच गई है और पाकिस्तान में बेरोजगारी और बढ़ेगी.
उन्होंने कहा, 'हमें लगता है कि बेरोजगारी दर 25-30% तक जाएगी जबकि पेट्रोलियम लेवी बढ़ने से पेट्रोल में 35 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि होगी. अगर ऐसा है तो कारोबार कैसे बढ़ेगा?'
तरीन ने कहा कि पीटीआई सरकार ने देश के इतिहास में सबसे अधिक राजस्व जमा किया और साढ़े तीन साल के शासन के दौरान 55 लाख नौकरियां पैदा कीं.
उन्होंने कॉन्फ्रेंस के दौरान आशंका जताई कि शहबाज शरीफ सरकार ने पीटीआई सरकार द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों को बंद कर दिया जिससे 2 करोड़ लोग गरीबी रेखा ने नीचे आ सकते हैं.
इसी दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री उमर अयूब ने कहा कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से प्रति यूनिट बिजली में भी काफी बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि बिजली की कीमतें 39 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंचने की उम्मीद है और गैस की कीमतें भी 400 प्रतिशत तक बढ़ेंगी.
शुक्रवार को पेश बजट में नौकरीपेशा वर्ग को राहत देते हुए शहबाज शरीफ सरकार ने कर का बोझ कम कर दिया गया है. महंगाई को देखते हुए सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 15% की बढ़ोतरी की गई है. लेकिन सरकार ने 300 अरब रुपये की आय के लिए पेट्रोलियम पर 50 रुपये प्रति लीटर PDL लगाने का प्रस्ताव रखा है जिससे बजट को लेकर लोगों की आशंकाएं बढ़ गई हैं. करों में छूट की भरपाई के लिए सरकार ने 17% का बिक्री कर लगाया है.