
पाकिस्तान से चावल भरकर एक मालवाहक जहाज बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह पर पहुंचने वाला है. मोहम्मद युनूस के अंतरिम कार्यकाल में पाकिस्तानी जहाज का मोंगला पोर्ट पर पहुंचना भारत के लिए किसी झटके से कम नहीं है. पिछले साल जब शेख हसीना बांग्लादेश की सत्ता पर काबिज थी तो बांग्लादेश और भारत सरकार के बीच इस पोर्ट को लेकर कई अहम योजनाएं तय हुई थीं.
ढाका में शुरू हुए छात्र आंदोलन की वजह से सत्ता पलट के बाद बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद युनूस और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की नजदीकियां अब तेजी के साथ बढ़ी हैं. पिछले कुछ समय में दोनों देशों के बीच एक दूसरे के साथ संबंधों को और मजबूत करने जैसी बयानबाजी भी खूब देखने को मिली.
अब बांग्लादेश ने अपने सभी बंदरगाहों को पाकिस्तानी जहाजों के लिए खोल दिया है. सूत्रों की मानें तो ऐसा करते हुए शेख हसीना को वापस बांग्लादेश भेजने की लगातार मांग कर रहे मोहम्मद युनूस भारत को भी एक संदेश पहुंचाना चाहते हैं.
60 फीसदी चावल चटगांव तो 40 फीसदी मोंगला पोर्ट उतारेगा पाकिस्तानी जहाज
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का यह मालवाहक जहाज पाकिस्तानी कासिम बंदरगाह से 25 हजार टन चावल लेकर रवाना हुआ था. इसी सप्ताह यह जहाज बांग्लादेश की चटगांव बंदरगाह पहुंच जाएगा. यहां करीब 60 फीसदी चावल उतारने के बाद जहाज मोंगला बंदरगाह की ओर बढ़ जाएगा. मोंगला पोर्ट पर बाकी 40 फीसदी चावल उतारकर जहाज वापस रवाना होगा.
मालूम हो कि पिछले महीने यानी जनवरी की शुरुआत में बांग्लादेश और पाकिस्तान की सरकार के बीच समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ पाकिस्तान के जरिए 50 हजार टन बासमती चावल बांग्लादेश को निर्यात किया जाएगा. रिपोर्ट्स की मानें तो इस समझौते के तहत ही चावल की पहली खेप बांग्लादेश पहुंच गई है, जबकि दूसरी खेप मार्च के आखिर तक पहुंचने की उम्मीद है.
बांग्लादेश और पाकिस्तान की इस ट्रेड पार्टनरशिप को दोनों देशों के बीच दशकों से निष्क्रिय पड़े व्यापार चैनलों को फिर से खोलने की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है. हालिया व्यापार समझौते से दोनों देश आपसी आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और डायरेक्ट शिपिंग रूट को सुविधाजनक बनाने की उम्मीद कर रहे हैं.
शेख हसीना भारत में तो पाकिस्तान से दोस्ती बढ़ा रही बांग्लादेश की युनूस सरकार!
पिछले साल अगस्त में जब छात्र आंदोलन की वजह से शेख हसीना को सत्ता का त्याग करना पड़ा तो उनके पास भारत आने के सिवा कोई और चारा नहीं था. शेख हसीना अब महीनों से भारत में ही रह रही हैं. बांग्लादेश की सरकार कई बार भारत सरकार से शेख हसीना को वापस भेजने की मांग कर चुकी है लेकिन भारत ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
बांग्लादेश की नई सरकार भारत के इस रुख से काफी नाराजगी भी जता चुकी है. हाल ही में जब शेख हसीना ने भारत में बैठकर ऑनलाइन जरिए से अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था तो उस बात पर भी बांग्लादेशी सरकार ने आपत्ति जताई थी. फिलहाल अभी शेख हसीना कब भारत से जाएंगी यह तो तय नहीं है लेकिन कहीं न कहीं इसके बदले में मोहम्मद युनूस पाकिस्तान और चीन से दोस्ती बढ़ाकर भारत को चिंता जरूर बढ़ा रहे हैं.