
चीन, रूस और क्यूबा के साथ पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की सीटों पर जीत हासिल की है. पाकिस्तान को ये जीत मानवाधिकार के मामले में उसके खराब रिकॉर्ड के बावजूद मिली. संयक्त राष्ट्र महासभा में गुप्त मतदान में पाकिस्तान को 169 मत मिले.
पाकिस्तान के बाद उज्बेकिस्तान को 164, नेपाल को 150 और चीन को 139 मत मिले. 193 सदस्यीय महासभा में सऊदी अरब को केवल 90 वोट मिल पाया और वह इस दौड़ से बाहर हो गया.
चीन, रूस और पाकिस्तान के चुने जाने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने UNHRC पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता शब्दों से कहीं अधिक है. हमने झिंजियांग, म्यांमार, ईरान और अन्य जगहों पर मानवाधिकार हनन करने वालों की पहचान की है और उन्हें दंडित किया है.
मानवाधिकार परिषद के नियमों के तहत भौगोलिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों को सीटें आवंटित की जाती हैं. 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद में 15 सदस्यों का चुनाव पहले ही हो चुका था, क्योंकि अन्य सभी क्षेत्रीय समूह के सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए.
पिछले हफ्ते यूरोप, अमेरिका और कनाडा के मानवाधिकार समूहों के एक गठबंधन ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों से चीन, रूस, सऊदी अरब, क्यूबा, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के निर्वाचन का विरोध करने का आह्वान किया था और कहा था कि इन देशों का मानवाधिकार रिकॉर्ड उन्हें इसके लिए अयोग्य करार देता है.
2006 में HRC की स्थापना के बाद से यह पांचवीं बार है जब पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार एजेंसी के लिए चुना गया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में एक बार फिर चुने जाने पर खुश हैं.