Advertisement

पाकिस्तान में पैगंबर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी, कोर्ट ने ईसाई महिला को सुनाई मौत की सजा

इस्लामाबाद की स्पेशल कोर्ट के जज अफजल माजुका ने कहा, "जब तक हाई कोर्ट इस फैसले को मंजूरी नहीं दे देता, तब तक सजा पर अमल नहीं किया जाएगा. शौगात दूसरी ईसाई महिला हैं, जिसे पैगंबर और इस्लाम धर्म का अपमान करने के मामले में मौत की सजा सुनाई गई है."

आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सजा-ए-मौत (प्रतीकात्मक तस्वीर) आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सजा-ए-मौत (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • इस्लामाबाद,
  • 20 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:21 AM IST

पाकिस्तान (Pakistan) की एक कोर्ट ने इस्लाम के पैगंबर पर आपत्तिजनक बयान देने वाली महिला के खिलाफ मौत की सजा सुनाई है. गुरुवार को इस मामले में ईसाई महिला को मौत की सजा सुनाई गई. दोषी पाई गई शौगाता करन के खिलाफ बेअदबी कानून के तहत केस दर्ज किया गया था. उस पर सितंबर 2020 में एक व्हाट्सएप ग्रुप में इस्लाम के पैगंबर के बारे में अपमानजनक कंटेंट शेयर करने का आरोप है.

Advertisement

एजेंसी के मुताबिक, इस्लामाबाद की स्पेशल कोर्ट के जज अफजल माजुका ने सुनवाई के बाद महिला को पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295 सी के तहत दोषी पाया. इस धारा में मौत की सजा का प्रावधान है. कोर्ट ने शौगात पर तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

हाई कोर्ट में अपील करने का विकल्प

कोर्ट ने महिला को पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक अपराध अधिनियम (PECA) की धारा 11 के तहत सात साल की कैद और एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. जज ने आदेश में कहा कि दोषी को फैसले के 30 दिनों के अंदर हाई कोर्ट में अपील दायर करने का अधिकार है.

जज अफजल माजुका ने कहा, "जब तक हाई कोर्ट इस फैसले को मंजूरी नहीं दे देता, तब तक सजा पर अमल नहीं किया जाएगा. शौगात दूसरी ईसाई महिला हैं, जिसे पैगंबर और इस्लाम धर्म का अपमान करने के मामले में मौत की सजा सुनाई गई है."

Advertisement

यह भी पढ़ें: पैगंबर मोहम्मद की बेअदबी पर पाकिस्तान में फूटा गुस्सा, ईशनिंदा के आरोपी को पुलिस ने मारी गोली

पहले भी हुए हैं ऐसे मामले

इससे पहले ईशनिंदा के आरोप में मौत की सजा पाने वाली आसिया बीबी को आठ साल तक जेल में रखा गया था, लेकिन पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली पीठ ने अक्टूबर 2018 में उन्हें बरी कर दिया था.

इससे पहले आसिया बीबी नाम की महिला को बेअदबी मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी. आठ साल जेल में रखे जाने के बाद उन्हें पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस आसिफ सई की अध्यक्षता वाली बेंच ने अक्टूबर 2018 में बरी कर दिया था. मामले में बरी होने के बाद बीबी अपने परिवार के साथ कनाडा चली गईं. 

पाकिस्तान में कब लागू हुआ बेअदबी कानून?

बेअदबी कानून 1980 के दशक में पूर्व सैन्य शासक जियाउल हक द्वारा लागू किया गया था. इस तरह के आरोप में पकड़े गए लोगों को अक्सर चरमपंथियों द्वारा निशाना बनाया जाता है.

यह भी पढ़ें: फिरोजपुर में बेअदबी के आरोपी को भीड़ ने जमकर पीटा, अस्पताल में मौत

अब तक कितने आरोपी?

थिंक टैंक Centre for Social Justice के मुताबिक, साल 1987 से लेकर अब तक करीब तीन हजार लोगों पर आरोप लग चुका है. CJS ने कहा कि इस साल जनवरी से लेकर अब तक पूरे पाकिस्तान में बेअदबी के कम से कम सात आरोपी व्यक्तियों की हत्या व्यक्तियों या भीड़ द्वारा की जा चुकी है. 1994 से 2023 के बीच भीड़ के हमलों में बेअदबी के कुल 94 आरोपी मारे जा चुके हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement