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पाकिस्तान की अदालत ने इमरान खान को बेटों से फोन पर बात करने की इजाजत दी

जियो न्यूज की खबर के मुताबिक विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत ज़ुल्करनैन ने एक पेज के लिखित आदेश में अडियाला जेल के अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इमरान खान अपने बेटों सुलेमान खान और कासिम खान से फोन पर बातचीत कर सकें.

इमरान खान-फाइल फोटो इमरान खान-फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 10:17 PM IST

पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अपने दोनों बेटों से फोन पर बातचीत करने की बुधवार को अनुमति दे दी.

जियो न्यूज की खबर के मुताबिक विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत ज़ुल्करनैन ने एक पेज के लिखित आदेश में अडियाला जेल के अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इमरान खान अपने बेटों सुलेमान खान और कासिम खान से फोन पर बातचीत कर सकें.

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पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान (71) राजनयिक संदेश को लीक करने को लेकर सरकारी गोपनीयता मामले में रावलपिंडी स्थित अडियाला जेल में बंद हैं. इमरान को पिछले साल मार्च में अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजे गुप्त राजयनिक संदेश को लीक करने के आरोप में अगस्त में गिरफ्तार किया गया था.

अदालत ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी को 17 अक्टूबर को अगली सुनवाई के दौरान दोषी ठहराया जाएगा. हालांकि, मंगलवार को विशेष अदालत ने खान और उनके करीबी सहयोगी क़ुरैशी के खिलाफ अभियोग 23 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया था.

जियो टीवी के मुताबिक, अपदस्थ प्रधानमंत्री ने 11 सितंबर को विशेष अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसमें अटॉक जेल अधीक्षक के खिलाफ अदालत की अवमानना ​​की मांग की गई थी, जिन्होंने इस संबंध में पहले जारी किए गए अदालती आदेशों के बावजूद उन्हें अपने बेटों के साथ बात करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.

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मीडिया रिपोर्ट में कहा गया, '(खान) को पहले सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत ने अपने बेटों से बात करने की अनुमति दी थी. हालांकि, पीटीआई प्रमुख ने याचिका में अदालत के आदेश का उल्लंघन करने के लिए अटॉक जेल अधीक्षक के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही की मांग की है.

अप्रैल 2022 में अविश्वास मत के माध्यम से अपदस्थ हुए खान को इस साल 5 अगस्त को इस्लामाबाद की एक अदालत द्वारा तोशखाना मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद जेल में डाल दिया गया था.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख को जेल की सजा काटने के लिए अटॉक जिला जेल में रखा गया था. बाद में, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया था, लेकिन फिर, उन्हें सिफर मामले में गिरफ्तार कर लिया गया और न्यायिक रिमांड पर अटॉक जेल में रहे.

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