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इमरान खान के भारत को टशन दिखाने की कीमत भुगत रहे पाकिस्तानी!

पाकिस्तान अपनी जिद के चलते आर्थिक तौर पर जबरदस्त नुकसान उठा रहा है. हाल ही में ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ पाकिस्तान द्वारा इंपोर्ट की गई 28,760 मीट्रिक टन चीनी की एक खेप पाकिस्तान पहुंची है. इस चीनी के लिए टीसीपी ने 110 रूपए प्रति किलो का भुगतान किया है. वही पिछले साल जब टीसीपी ने एक लाख टन चीनी का इंपोर्ट किया था तब ये कीमत लगभग 90 रूपए प्रति किलो थी. भारतीय अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान अगर चाहता तो उसे भारत से चीनी काफी कम कीमत में मिल सकती थी. 

इमरान खान, फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स इमरान खान, फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 28 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:51 PM IST
  • अपनी जिद के चलते पाकिस्तान को खरीदनी पड़ रही महंगी चीनी
  • पुलवामा अटैक के बाद से ही भारत-पाकिस्तान के व्यापारिक रिश्ते खराब

पाकिस्तान अपनी जिद के चलते आर्थिक तौर पर जबरदस्त नुकसान उठा रहा है. हाल ही में ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ पाकिस्तान द्वारा इंपोर्ट की गई 28,760 मीट्रिक टन चीनी की एक खेप पाकिस्तान पहुंची है. इस चीनी के लिए पाकिस्तान ने लगभग 110 रूपए प्रति किलो का भुगतान किया है. वहीं, पिछले साल जब टीसीपी ने एक लाख टन चीनी का इंपोर्ट किया था तब ये कीमत लगभग 90 रूपए प्रति किलो थी. भारतीय अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान अगर चाहता तो उसे भारत से चीनी काफी कम कीमत में मिल सकती थी. 

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महंगी चीनी से पाकिस्तानियों का स्वाद पड़ा फीका

रिपोर्ट्स के अनुसार, सभी खर्चे मिलाकर, पाकिस्तान की दुकानों पर ये चीनी 123 रूपए प्रति किलो के हिसाब से बिकेगी. सरकार ने देश में उत्पादित चीनी का एक्स-मिल रेट 84.75 रुपये प्रति किलो तय किया है. इसलिए, आयातित चीनी आधिकारिक एक्स-मिल दर से 25.15 रुपये प्रति किलोग्राम अधिक महंगी होगी. गौरतलब है कि पाकिस्तान ने इस साल अप्रैल महीने में भारत से चीनी के आयात के लिए इनकार कर दिया था. पाकिस्तान का कहना था कि भारत जब तक कश्मीर में आर्टिकल 370 बहाल नहीं करता है तब तक पाकिस्तान चीनी और गेहूं जैसे जरूरी सामानों के इंपोर्ट के लिए भारत को मंजूरी नहीं दे सकता है.

हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तरीन ने कहा था कि गेहूं 48 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से दिया जा रहा है, जबकि चीनी की कीमत 89.75 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेची जा रही है. उन्होंने ये भी कहा कि बिचौलिए के लाभ के मार्जिन को भी कम करने की कोशिशें की जा रही हैं. 

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पाकिस्तान के वित्तमंत्री बोले- पूरी दुनिया में बढ़ीं कीमतें

उन्होंने कहा कि 'हम प्राइस कंट्रोल कमिटी को सक्रिय बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिससे आम आदमी को लाभ होगा. मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने और जमाखोरी को रोकने के लिए आवश्यक वस्तुओं के रणनीतिक भंडार भी बनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीनों के दौरान धीमी हुई क्योंकि जुलाई में शहरी और ग्रामीण खाद्य मुद्रास्फीति क्रमशः 15% और 17% थी, जो घटकर 9.1% और 10% हो गई है. दुनिया भर में उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें बढ़ी हैं. पाकिस्तान कोई अनोखा देश नहीं है. दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में पाकिस्तान में खाद्य और पेय पदार्थों की कीमतों में कम वृद्धि हुई है.' 

बता दें कि इस साल अप्रैल की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर एक बार फिर चर्चा थी क्योंकि पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने भारत के साथ दो साल से चले आ रहे एकतरफा प्रतिबंध को वापस ले लिया था. हालांकि, पाकिस्तान की कैबिनेट ने अगले ही दिन इस फैसले को पलट दिया था. भारत इससे पहले भी पाकिस्तान के साथ व्यापार जारी रखने की बात कह चुका है लेकिन पाकिस्तान अपने रवैये के चलते काफी नुकसान झेल रहा है. बता दें कि साल 2019 में हुए पुलवामा अटैक के बाद से ही भारत-पाकिस्तान के व्यापारिक रिश्ते बेहद खराब हो गए थे.  

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साल 2018 में विश्व बैंक की एक रिपोर्ट रिलीज हुई थी. इस रिपोर्ट में भारत-पाकिस्तान के व्यापारिक संबंधों की सकारात्मकता को लेकर बात की गई थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि दोनों देश अगर वीजा की कठिन पॉलिसी, हाई टैरिफ और जटिल प्रक्रियाओं को दूर कर लेते हैं तो भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार 2 अरब डॉलर्स से बढ़कर 37 अरब डॉलर्स तक जा सकता है. 

व्यापार खत्म होने से पाकिस्तान को लगा है बड़ा झटका

डॉयचे वेले की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह से व्यापारिक संबंध तोड़ लेना व्यावहारिक नहीं होता है और इससे कमजोर अर्थव्यवस्था से जूझ रहे पाकिस्तान पर जबरदस्त असर पड़ा है क्योंकि भारत से सामान लेना कई देशों की तुलना में काफी सस्ता पड़ता है. गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच व्यापार रद्द होने से कुछ क्षेत्रों पर  काफी असर देखने को मिला है. पाकिस्तान का चीनी बाजार और कपड़ा उद्योग काफी प्रभावित हुआ है, वहीं भारत में इसके कारण छुहारे का व्यापार, सेंधा नमक और सीमेंट के बाजार पर असर देखने को मिला है. हालांकि इस प्रतिबंध से पाकिस्तान पर ज्यादा असर देखने को मिला है क्योंकि पाकिस्तान की भारत पर कपड़ा, दवा के लिए कच्चे माल को लेकर भारी निर्भरता थी. इसके अलावा भारत से चीनी का व्यापार ना करने की जिद भी पाकिस्तान को परेशान कर रही है. 

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