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पाकिस्तान में 14 घंटे तक चले एनकाउंटर में ड्रग माफिया फैसल जट्ट ढेर, हजारों गोलियां दागी गईं, हेलिकॉप्टर्स का भी इस्तेमाल

पाकिस्तानी पुलिस की एक विशेष टीम ने हंज गांव में फैसल को गिरफ्तार करने के लिए अभियान शुरू किया, फैसल पर पाकिस्तान की एलीट फोर्स के एक अधिकारी की हत्या का आरोप था. डीएसपी ज़ीशान के नेतृत्व में पुलिस ने फैसल के घर की दीवार को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन अंदर से हुई भारी गोलीबारी ने उन्हें बैकअप बुलाने पर मजबूर कर दिया.

फैसल जट्ट (फाइल फोटो) फैसल जट्ट (फाइल फोटो)
सुबोध कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 01 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 8:04 PM IST

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरात जिले के हंज गांव में 14 घंटे तक चले जबरदस्त पुलिस एनकाउंटर में कुख्यात ड्रग माफिया फैसल जट्ट, उसके भतीजे और दो अन्य साथियों को मार गिराया गया. ये ऑपरेशन 18 दिसंबर 2024 की दोपहर शुरू हुआ और 19 दिसंबर की सुबह समाप्त हुआ था, जिसमें फैसल के अपराध साम्राज्य का अंत हो गया. एनकाउंटर में फैसल के पक्के मकान की दीवारें गोलियों से छलनी हो गई थीं, जो इस ऑपरेशन की भयावहता को दर्शाती हैं. पुलिस ने एनकाउंटर के दौरान भारी मात्रा में गोला-बारूद, ग्रेनेड और आंसू गैस का इस्तेमाल किया.

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आरोपी फैसल के आखिरी शब्द

फैसल जट्ट के आखिरी पलों का एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उसने कहा था कि 'अगर मैं बच गया तो मुझे जट्ट मत कहना.' ये शब्द अब एक बड़ी चर्चा का विषय बन गए हैं, जो अपराध, न्याय और इस भयंकर मुठभेड़ पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

ऑपरेशन का पूरा घटनाक्रम

पाकिस्तानी पुलिस की एक विशेष टीम ने हंज गांव में फैसल को गिरफ्तार करने के लिए अभियान शुरू किया, फैसल पर पाकिस्तान की एलीट फोर्स के एक अधिकारी की हत्या का आरोप था. डीएसपी ज़ीशान के नेतृत्व में पुलिस ने फैसल के घर की दीवार को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन अंदर से हुई भारी गोलीबारी ने उन्हें बैकअप बुलाने पर मजबूर कर दिया. अगले दिन की सुबह तक एनकाउंटर में फैसल, उसका 20 वर्षीय भतीजा सफिउर रहमान, दो सहयोगी नावेद अख्तर और नोमी मृत पाए गए.  इस ऑपरेशन में सैकड़ों पुलिसकर्मियों की तैनाती हुई. हेलिकॉप्टर्स तक का सहारा लिया गया. एनकाउंटर के बाद पुलिसकर्मियों का हीरो की तरह स्वागत किया गया.

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फैसल जट्ट एनकाउंटर में मारा गया

एक कुख्यात अपराधी की कहानी

फैसल जट्ट को फैसल हंज के नाम से भी जाना जाता था, वह ड्रग तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का सरगना था, उसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था. उसके खिलाफ पहले भी कार्रवाई हुई थी, लेकिन इस बार उसके नए मकान में छिपे होने की जानकारी पुलिस को चौंका गई.

पुलिस का बयान

रहमानिया पुलिस स्टेशन के SHO हाजी सगीर अहमद भडार ने इस ऑपरेशन को एक बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि जो भी कानून व्यवस्था पर हमला करेगा, उसका यही अंजाम होगा, ये ऑपरेशन पाकिस्तान में संगठित अपराध के खिलाफ बढ़ते संघर्ष को दर्शाता है, लेकिन यह सवाल भी उठता है कि फैसल जैसे अपराधी इतने लंबे समय तक सिस्टम से बचने में कैसे कामयाब रहे.

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