Advertisement

पाकिस्तान का खजाना हुआ और खाली, बस 18 दिन ही हो पाएगा गुजारा

पाकिस्तान बेलआउट पैकेज के लिए IMF से बातचीत कर रहा है. इस बीच उसका विदेशी मुद्रा भंडार सिमटकर तीन अरब डॉलर से कुछ ही ज्यादा रह गया है. पाकिस्तान इतने पैेसे में बस कुछ दिन ही आयात कर पाएगा. अगर पाकिस्तान और IMF के बीच बातचीत पटरी से उतरती है तो पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने से कोई नहीं बचा सकता.

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने वाला है (File Photo) पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने वाला है (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट पैकेज को लेकर बातचीत शुरू कर दी है लेकिन इधर, उसका विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खत्म होता जा रहा है. अगर IMF जल्द ही उसे लोन देने पर सहमत नहीं होता है तो पाकिस्तान डिफॉल्ट हो जाएगा. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 3.09 अरब डॉलर रह गया है. विश्लेषकों का कहना है कि इतने पैसे में पाकिस्तान तीन हफ्ते से भी कम समय तक जरूरी आयात कर पाएगा.

Advertisement

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार 27 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 16.1% घट गया है. पाकिस्तान और IMF के बीच बेलआउट पैकेज को लेकर बातचीत अगर सफल होती है तो उसे विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से भी कर्ज के लिए हरी बत्ती मिल जाएगी.

पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा है कि विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट विदेशी कर्ज चुकाने के कारण हुई है. एसबीपी ने कहा कि देश के वाणिज्यिक बैंकों के पास फिलहाल 5.65 अरब डॉलर है जिसे लेकर देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 8.74 अरब डॉलर हो रहा है.

पाकिस्तान के अखबार, 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय निवेश फर्म आरिफ हबीब लिमिटेड (एएचएल) ने बताया है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार फरवरी 2014 के बाद से सबसे कम है और यह केवल 18 दिनों के आयात को कवर करता है.

Advertisement

एएचएल में रिसर्च हेड ताहिर अब्बास ने कहा, 'देश को डॉलर की सख्त जरूरत है और संकट से बचने के लिए जल्द से जल्द आईएमएफ प्रोग्राम को शुरू करना होगा.'

मंगलवार से IMF और पाकिस्तान के बीच हो रही बातचीत

मंगलवार को IMF की एक टीम पाकिस्तान आई थी जो पाकिस्तानी अधिकारियों से बेलआउट पैकेज की शर्तों को लागू करवाने को लेकर बातचीत कर रही है. पाकिस्तान को गंभीर आर्थिक संकट से निकालने के लिए IMF ने 7 अरब डॉलर का प्रोग्राम बनाया है जो कई कड़े शर्तों के साथ आता है.

पाकिस्तान पिछले महीनों में शर्तों को लेकर IMF प्रोग्राम में जाने से पीछे हट रहा था लेकिन अब हालत ये हैं कि पाकिस्तान के पास कोई और चारा नहीं बचा है. IMF और पाकिस्तान के बीच 9 फरवरी तक बेलआउट पैकेज को लेकर बात होने वाली है. पाकिस्तान धीरे-धीरे IMF की शर्तों को देश में लागू कर रहा है जिससे देश में महंगाई और बढ़ती जा रही है.

IMF ने अपनी शर्तों में पाकिस्तानी रुपये की विनिमय दर को लचीला बनाने और सब्सिडी को कम करने की बात कही है. पाकिस्तान की सरकार ने हाल ही में विनिमय दर पर एक कैप को हटा दिया जिससे गुरुवार को पाकिस्तानी रुपया 0.93% गिरकर डॉलर के मुकाबले 271.36 रुपये के ऐतिहासिक गिरावट पर बंद हुआ. जुलाई में शुरू हुए वित्तीय वर्ष की तुलना में रुपया 24.51% नीचे आ गया है. शहबाज शरीफ सरकार ने ईंधन की कीमतों में भी 16% की बढ़ोतरी कर दी है. 

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement