
कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान की मदद के लिए एक बार फिर सऊदी अरब ने मदद का हाथ बढ़ाया है.
कर्ज के बोझ तले दबे पाकिस्तान को इस संकट से उबारने के लिए सऊदी अरब ने उसे तीन अरब डॉलर की आर्थिक मदद देने का फैसला किया है.
सऊदी अरब के वित्त मंत्री अल-जदान ने दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में कहा, हम फिलहाल पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर की आर्थिक मदद देने के सौदे को अंतिम रूप दे रहे हैं.
हालांकि, उन्होंने अभी इस आर्थिक पैकेज को लेकर अधिक जानकारी का खुलासा नहीं किया है.
जदान ने कहा कि पाकिस्तान उनका महत्वपूर्ण साझेदार है और सऊदी अरब उसकी मदद के लिए हमेशा खड़ा रहेगा. दरअसल दोनों देशों ने एक मई को संयुक्त बयान जारी कर कहा था कि पाकिस्तान को आर्थिक मदद मुहैया कराने के लिए अन्य विकल्पों पर चर्चा की जाएगी.
पिछले साल भी सऊदी अरब ने पाकिस्तान की तीन अरब डॉलर की आर्थिक मदद की थी.
बढ़ते कर्ज और महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खत्म हो रहा है और चालू खाता घाटा भी बढ़ता जा रहा है. देश की मुद्रा में भी तेज गिरावट देखने को मिल रही है.
ऐसे में पाकिस्तान के पास विदेशी कर्ज चुकाने लायक पैसे नहीं बचे हैं. पाकिस्तान पर दिवालिया होने का खतरा मंडराने लगा है. इस स्थिति से बचने के लिए पाकिस्तान को जल्द ही बड़े विदेशी कर्ज की जरूरत पड़ेगी.
पिछले महीने प्रधानमंत्री के पद से इमरान खान की विदाई के बाद से देश में राजनीतिक संकट गहरा गया है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से आर्थिक मदद को लेकर अनिश्चितता के बीच देश की अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल जारी है.