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पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन, चीन को CPEC की चिंता, भारत भी अलर्ट

पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है और इमरान खान का अगला प्रधानमंत्री बनना भी तय हो चुका है. अब उनकी आगामी रणनीति और पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को लेकर बहस शुरू हो गई है. उनको लेकर चीन और भारत अभी तक ऊहापोह की स्थिति में हैं. फिलहाल चीन की चिंता सीपीईसी को लेकर है.

इमरान खान और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इमरान खान और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग
राम कृष्ण
  • बीजिंग/इस्लामाबाद/नई दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 9:43 AM IST

पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की जीत के बाद इमरान खान का प्रधानमंत्री बनना भी तय हो चुका है. चुनाव में जीत के बाद अपने पहले भाषण में इमरान खान ने भारत के साथ रिश्ते सुधारने की बात कही. साथ ही चीन को अपना मॉडल बताया और उससे सीखने की जरूरत बताई. हालांकि पाकिस्तान के मौजूदा हालात को देखते हुए चीन और भारत ऊहापोह की स्थिति में हैं.

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भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन और राजनीतिक स्थिरता की वजह से चीन अपने आर्थिक गलियारे को लेकर बेहद चिंतित है. यह चीन की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना है.

ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि पश्चिमी मीडिया का मानना है कि पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन और इमरान खान का चीनी परियोजनाओं में हिस्सेदारी की मांग के चलते चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) मुश्किल में फंस सकता है. इसकी वजह यह है कि इमरान खान ने अपने चुनावी अभियान के दौरान CPEC में पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए थे.

वहीं, भारत पाकिस्तान के नए सुल्तान इमरान खान को लेकर भारत 'वेट एंड वॉच' की स्थिति में है. सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया तो नहीं आई है, लेकिन मोदी सरकार के मंत्री इस सत्ता परिवर्तन के बाद भी भारत के पुराने स्टैंड पर कायम रहने की बात दोहराई है.

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इमरान खान की जीत पर केंद्रीय मंत्री आरके सिंह का कहना है कि पाकिस्तान में कोई भी सरकार बने, भारत के साथ उनका रवैया वही रहने वाला है. वहां पहले भी मिलिट्री का आदेश चलता था. मिलिट्री रूल करती थी और आगे भी मिलिट्री ही रूल करेगी.

मालूम हो कि चुनाव में सेना ने इमरान खान का समर्थन किया था. हालांकि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधरने की उम्मीद कर रहे हैं.

किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं

पाकिस्तान के चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. लिहाजा पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिरता कभी भी पैदा हो सकती है. इसके अलावा पाकिस्तान की सत्ता में सेना का भी दखल बढ़ सकता है. पाकिस्तानी सेना इमरान को मोहरे की तरह इस्तेमाल कर सकती है. चीन का मानना है कि पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता घातक साबित हो सकती है.

पाकिस्तान चुनाव में धांधली का आरोप

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि बुधवार को पाकिस्तानियों ने नई सरकार के लिए मतदान किया. हालांकि इस चुनाव में धांधली के आरोप लगे और आतंकी हमला भी देखने को मिला. जहां एक ओर इमरान खान ने अपनी जीत की घोषणा की, तो दूसरी ओर सभी बड़ी विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव में धांधली का गंभीर आरोप लगाया.

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पाकिस्तान के सामने ये हैं सबसे बड़ी चुनौती

ग्लोबल टाइम्स ने मुताबिक पाकिस्तान गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा है. वह भयंकर आर्थिक संकट से गुजर रहा है और उसकी अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो चुकी है. इसके अलावा पाकिस्तान सुरक्षा चुनौती का भी सामना कर रहा है.

बुधवार को चुनाव के दौरान भी आतंकी हमला हुआ. हालांकि इमरान खान के पहले भाषण से चीन को थोड़ी बहुत उम्मीद जगी है. चीनी अखबार का कहना है कि चीन को उम्मीद है कि उसका दोस्त पाकिस्तान अपने यहां राजनीतिक स्थिरता कायम करेगा और विकास की राह पर आगे बढ़ेगा.

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