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पाकिस्तान में चुनाव से पहले इमरान खान को राहत, कानूनी लड़ाई में वापस मिला 'बल्ला'

पेशावर हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले को रद्द करते हुए पीटीआई के चुनाव चिह्न क्रिकेट बैट को बहाल कर दिया है. कोर्ट ने पीटईआई के आंतरिक चुनाव असंवैधानिक बताने के आयोग के फैसले को भी रद्द कर दिया है. वि

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:28 PM IST

पाकिस्तान में अगले साल आठ फरवरी को होने जा रहे आम चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है. ऐसे में देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए राहत भरी खबर आई है. पेशावर हाईकोर्ट ने उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के चुनाव चिह्न पर लगी रोक हटा दी है. 

पेशावर हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले को रद्द करते हुए पीटीआई के चुनाव चिह्न क्रिकेट बैट को बहाल कर दिया है. कोर्ट ने पीटईआई के आंतरिक चुनाव असंवैधानिक बताने के आयोग के फैसले को भी रद्द कर दिया है.

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बता दें कि इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने आयोग के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट का रुख किया था. जस्टिस कामरान हयात ने पीटीआई की इसी याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिया है.

चुनाव आयोग ने क्या किया था?

इससे पहले पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने इमरान के चुनावी सिंबल बैट पर रोक लगा दी थी. इतना ही नहीं, आयोग ने पाकिस्तान की 175 पंजीकृत पार्टियों की अपडेट लिस्ट जारी की थी, जिसमें पीटीआई का जिक्र तक नहीं था. 

बता दें कि पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव होने जा रहे हैं. पीटीआई के फाउंडर इमरान खान ने पंजाब प्रांत में स्थित अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र मियांवली से नामांकन दाखिल किया है. इमरान फिलहाल जेल में बंद हैं. कोर्ट ने इसी साल पांच अगस्त को इमरान को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया था. इमरान ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुनवाई के बाद SC ने इमरान को जमानत तो दे दी, लेकिन दो अन्य मामलों में गिरफ्तारी के कारण बाहर नहीं निकल सके हैं.

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नौ अगस्त को हुई थी पाकिस्तानी संसद भंग 

9 अगस्त 2023 की आधी रात को पाकिस्तान की संसद भंग कर दी गई थी. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर आधीरात में भंग कर दी थी. इसके साथ ही शहबाज शरीफ सरकार का कार्यकाल भी समाप्त हो गया था. संसद को भंग करने को लेकर जारी नोटिफिकेशन में कहा गया था कि नेशनल असेंबली को संविधान के आर्टिकल 58 के तहत भंग किया गया है. संसद का पांच साल का कार्यकाल आधिकारिक तौर पर 12 अगस्त को खत्म होना था.

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