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पाकिस्तान में आम चुनाव टालने की मांग को चुनाव आयोग ने किया खारिज, कह दी ऐसी बात

पाकिस्तान में कुछ नेता ठंड और सुरक्षा का हवाला देते हुए 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव को टालने की मांग कर रहे थे. लेकिन चुनाव आयोग ने सीनेट से कहा है कि ऐसा करना अनुचित होगा.

पाकिस्तान में 8 फरवरी को ही आम चुनाव होंगे (Photo- Reuters) पाकिस्तान में 8 फरवरी को ही आम चुनाव होंगे (Photo- Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:00 PM IST

पाकिस्तान चुनाव आयोग ने कहा है कि 8 फरवरी को होनेवाले आम चुनाव टाले नहीं जाएंगे. पाकिस्तान के सीनेट में एक प्रस्ताव पेश कर चुनाव को टालने की मांग की गई. प्रस्ताव में कहा गया था कि ठंड और सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए आम चुनाव को टाल दिए जाएं. लेकिन चुनाव आयोग ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कहा है कि सभी तैयारियां हो चुकी हैं, पहले से तय चुनाव को स्थगित करना उचित नहीं होगा.

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संसद के ऊपरी सदन में 5 जनवरी को ठंडे मौसम और सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते चुनाव स्थगित करने को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया था. सीनेटर दिलावर खान की तरफ से पेश किए गए प्रस्ताव को सीनेट में भारी समर्थन मिला, लेकिन प्रमुख राजनीतिक दलों ने इसे "असंवैधानिक" करार दिया. इसे सीनेट के 100 सांसदों में से केवल 14 सांसदों की उपस्थिति में पारित किया गया.

सोमवार को बयान में, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) ने कहा कि उसने प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया है. पाकिस्तान के अखबार, 'डॉन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव को लेकर सभी जरूरी इंतजाम किए जा चुके हैं और 8 फरवरी को ही आम चुनाव होंगे.

चुनाव आयोग ने आगे कहा, 'यहां यह बताना अनुचित नहीं होगा कि पहले भी, आम चुनाव और स्थानीय चुनाव सर्दियों के मौसम में होते रहे हैं. चुनाव आयोग के लिए आम चुनाव को स्थगित करना उचित नहीं होगा.'

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PTI और PPP ने की समय पर चुनाव कराने की मांग

इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-पाकिस्तान (PTI) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने चुनाव आयोग से समय पर चुनाव कराने की मांग की है. दोनों पार्टियों ने समय पर चुनाव कराने के लिए सीनेट सत्र के लिए गुरुवार को सर्वसम्मति से एक मांगपत्र दायर किया था. उसमें कहा गया है कि पाकिस्तान में राजनीतिक अनिश्चितता है और इसे ज्यादा समय तक झेला नहीं जा सकता.

दोनों पार्टियों ने मांगपत्र में कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 224 (2) के तहत, नेशनल असेंबली और प्रांतीय विधानसभाओं के भंग होने के बाद 90 दिनों के भीतर आम चुनाव होने चाहिए.

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