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जीत पर इतराने वाले इमरान खान अभी भी नहीं बना सकते पाक में सरकार, ये है बड़ी बाधा

पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के अंतिम रिजल्ट आ गए हैं. इसमें इमरान खान की पार्टी पीटीआई सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन इमरान अभी भी सरकार बनाने के लिए जरूरी नंबर से दूर हैं.

इमरान खान photo credit- reuters इमरान खान photo credit- reuters
राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST

पाकिस्तान में नए प्रधानमंत्री के लिए इमरान खान की ताजपोशी लगभग तय हो गई है. पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने मतदान के तीसरे दिन अंतिम रिजल्ट जारी कर दिया है. इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने 119 सीटों पर जीत दर्ज की है. दूसरे नंबर पर नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन 63 सीटों के साथ काबिज हुई है. पीपीपी 43 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर है.

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इस बार कुल 14 निर्दलीय उम्मीदवारों ने बाजी मारी है. वहीं एमएमए के 13 उम्मीदवारों ने चुनाव में फतह की है. 119 सीटें जीतने के बाद भी इमरान फिलहाल बहुमत से दूर हैं. उन्हें अपने दम पर सरकार बनाने के लिए कम से कम 137 सीटों की दरकार थी. माना जा रहा कि सरकार बनाने के लिए 18 सीटों का 'जुगाड़' निर्दलीय विधायकों से हो जाएगा.

चुनाव में शिकस्त के बाद पीएमएल-एन ने रिजल्ट पर सवाल उठाते हुए धांधली का आरोप लगाया है. पीएमएल-एन के कार्यकर्ताओं ने सरगोधा शहर में पाकिस्तानी फौज के विरोध में नारे लगाए. इधर पीएमएल-एन के नेता ख्वाजा साद रफीक ने रिजल्ट पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखी है.  ख्वाजा चुनाव में इमरान खान के खिलाफ ही खड़े हुए थे.

इस बार आम चुनावों में शुरुआती चरण में ही क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की लहर में कई दिग्गज धाराशायी हो गए. पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की ओर से प्रधानमंत्री पद का ख्वाब देखने वाले शहबाज शरीफ तक चुनाव हार गए. इस चुनाव में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरे पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष बिलावल भुट्टो भी चुनाव हार गए हैं.

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पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने अंतिम रिजल्ट जारी कर दिए हैं. इसमें इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) 119 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है.

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं, जिनमें से 272 को आम चुनावों में सीधे तौर पर चुना जाता है, जबकि शेष 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित रहती हैं. आम चुनावों में पांच फीसदी से ज्यादा वोट पाने वाली पार्टियां इन आरक्षित सीटों पर समानुपातिक प्रतिनिधित्व के हिसाब से अपने प्रतिनिधि भेज सकती हैं.

भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद अपने भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की गैर-मौजूदगी में पीएमएल-एन की कमान संभाल रहे और पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनाए गए शाहबाज शरीफ ने चुनावी नतीजों को खारिज करते हुए बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप लगाए हैं.

अवामी नेशनल पार्टी, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान, पाक-सरजमीं पार्टी, मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमाल और तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने भी आरोप लगाया कि मतगणना के समय उनके मतदान एजेंटों को या तो मतदान केंद्रों से बाहर निकाल दिया गया या उन्हें मतदान कर्मियों ने प्रमाणित नतीजे देने से इनकार कर दिया.

शरीफ ने पत्रकारों को बताया, ‘‘पीपीपी सहित पांच अन्य पार्टियों ने चुनावों में धांधली के मुद्दे को उठाया है. उनसे विचार-विमर्श करने के बाद मैं भविष्य के कदम का ऐलान करूंगा. पीएमएल-एन प्रमुख ने आज शाम अन्य पार्टियों के साथ बैठक बुलाई है ताकि इस मुद्दे पर चर्चा करके एक साझा रणनीति बनाई जाए.

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आज सुबह संवाददाता सम्मेलन में मुख्य चुनाव आयुक्त मुहम्मद रजा खान ने चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी के लिए पाकिस्तान की जनता का शुक्रिया अदा करते हुए माना कि चुनावी नतीजों की घोषणा में देरी से ‘कुछ परेशानी हुई.’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आयोग की ओर से शुरू की गई ‘रिजल्ट ट्रांसमिशन सिस्टम’ नाम की नई प्रणाली के कारण देरी हुई.

संदेहों और आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम खुद को साबित करेंगे कि हमने अपना काम सही तरीके से किया. उन्होंने कहा कि यह चुनाव निष्पक्ष थे और हमें कोई शिकायत नहीं मिली है. यदि किसी के पास सबूत है तो हम कार्रवाई करेंगे.

पाकिस्तान के चार प्रांतों - पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और खैबर-पख्तूनख्वा - में विधानसभा चुनाव भी कराए गए थे. 

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