
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि देश के मौजूदा हालात को देखते हुए एक ऐसी सरकार की जरूरत है, जो कड़े फैसले ले सके. उन्होंने कहा कि देश के मौजूदा हालात के मद्देनजर उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को सत्ता में लौटने के लिए चुनाव प्रचार करने की जरूरत नहीं है.
खान ने मंगलवार को लाहौर स्थित अपने आवास से एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि देश को मौजूदा आर्थिक संकट से बाहर निकालने और स्थिरता बहाल करने के लिए निष्पक्ष चुनाव की जरूरत है.
चुनाव में देरी से पीटीआई को फायदा
रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान ने कहा कि सरकार चुनाव में जितनी देरी करेगी, यह हमारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के लिए उतना ही फायेदमंद होगा. हमें देश की मौजूदा स्थिति की वजह से चुनाव प्रचार करने की भी जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह समय की जरूरत है कि पाकिस्तान में स्पष्ट बहुमत वाली सरकार सत्ता में आए ताकि वह ठोस फैसले ले सके. इमरान खान ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि देश की दिशा और दशा बदलने के लिए नई सरकार को कड़े फैसले लेने होंगे.
उन्होंने कहा कि सरकार को पाकिस्तान में निवेश बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाने पर जोर देने की जरूरत है.
तोशाखाना को लेकर निशाने पर इमरान खान
इन दिनों पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान तोशाखाना मामले को लेकर विवादों में हैं. तोशाखाना के महंगे तोहफों के बारे में जानकारी छिपाने के आरोप में उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की गई है. चुनाव आयोग ने उन्हें चुनावी पत्रों में गलत जानकारी देने का दोषी पाया है.
तोशाखाना कैबिनेट का एक विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों, राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए बेशकीमती उपहारों को रखा जाता है. नियमों के तहत किसी दूसरे देशों के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले उपहारों को तोशाखाना में रखा जाना जरूरी है.
इमरान खान 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे. उन्हें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करा दिया था. लेकिन इमरान खान ने बाद में तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बकायदा कानूनी अनुमति दी थी.