
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में चुनाव प्रचार के दौरान स्थिति उस समय विकट हो गई जब स्थानीय लोगों ने प्रचार करने पहुंचे नेताओं को दौड़ा लिया जिसके बाद पाक सरकार के कश्मीर मामलों के संघीय मंत्री को लोगों को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग करनी पड़ गई.
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार पाक अधिकृत कश्मीर में चुनाव करा रही है. पीओके में चुनाव प्रचार के दौरान जब पाकिस्तान के कश्मीर मामलों के संघीय मंत्री अली अमीन खान को लोगों को डराने के लिए उस समय (हवा में) फायरिंग करनी पड़ी जब वहां स्थानीय लोगों द्वारा 'चुनाव अभियान' के दौरान हमला कर दिया गया.
पिछले महीने 10 जून को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के शीर्ष चुनाव अधिकारी ने 25 जुलाई को विधानसभा के लिए आम चुनाव कराने की घोषणा की. हालांकि कोरोना वायरस के फिर से मामले बढ़ने के खतरे को देखते हुए चुनाव को दो महीने के लिए स्थगित करने की अपील की गई थी.
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भारत ने जताया विरोध
पिछले साल पाकिस्तान सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान में विधानसभा चुनाव कराया था. हालांकि भारत ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने के फैसले के लिए पाकिस्तान की आलोचना की थी और कहा था कि सैन्य कब्जे वाले क्षेत्र की स्थिति को बदलने के लिए किसी भी कार्रवाई का कोई कानूनी आधार नहीं है.
भारत ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से यह भी बता दिया कि गिलगित और बाल्टिस्तान के क्षेत्रों समेत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पूरे केंद्र शासित प्रदेश देश के अभिन्न अंग हैं.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में मुख्य चुनाव आयुक्त जस्टिस (सेवानिवृत्त) अब्दुल राशिद सुलेहरिया ने चुनाव कार्यक्रम का ऐलान किया था. समाचार एजेंसी पीटीआई ने स्थानीय एआरवाई न्यूज के हवाले से बताया था कि चुनाव में विधानसभा के 45 प्रतिनिधियों का चुनाव होगा, जिसमें पीओके में 33 और कश्मीरी प्रवासियों के लिए 12 प्रतिनिधि शामिल हैं.