
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सोमवार से तीन दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं. इस बात की सूचना पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने दी जिसमें कुरैशी के पाकिस्तान-चीन विदेश मंत्रियों के रणनीतिक वार्ता के लिए 17 से 20 मार्च तक चीन का दौरे की जानकारी दी गई.
बताया जा रहा है कि कुरैशी का अपने चीन के तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे के दरमियान वह इस्लामाबाद-बीजिंग के विदेश मंत्रियों की पहली रणनीतिक वार्ता में शामिल होंगे. पाकिस्तान के अखबार 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार दोनों पक्ष चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) सहित द्विपक्षीय संबंधों पर व्यापक चर्चा करेंगे. साथ ही दोनों देश के बीच क्षेत्रीय स्थिति और सहयोग पर भी चर्चा होगी.
कुरैशी सीपीईसी पर राजनीतिक दलों की संगोष्ठी को संबोधित करेंगे और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच संवाद में भाग लेंगे. वह चीनी नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे.
पाकिस्तान की सरकार के बयान के अनुसार, कुरैशी का दौरा निकट और व्यापक द्विपक्षीय संबंधों में तेजी लाएगा और सीपीईसी के तहत आर्थिक संबंधों को गहरा करने के प्रयासों को मजबूती देगा.
बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री का यह दौरा पाकिस्तान के आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) सरगना मसूद अजहर के खिलाफ 13 मार्च को चीन के प्रतिबंधों को वीटो कर देने के बाद हो रहा है.
चीन ने आतंकी मसूद अज़हर पर लगाया वीटो
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही चीन ने जैश सरगना मसूद अज़हर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने में चौथी बार चीन रोड़ा अटकाया था. जहां चीन ने मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर वीटो लगाया था जिसके बाद ये प्रस्ताव रद्द हो गया था. जिसके बाद आतंकी मसूद अजहर एक बार फिर वैश्विक आतंकी घोषित होने से बच गया. भारत ने चीन के फैसले पर कठोर आपत्ति दर्ज कराई थी. अगर चीन प्रस्ताव का समर्थन कर देता तो मसूद वैश्विक आतंकी की लिस्ट में शामिल हो जाता. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रेजॉल्यूशन 1267 के तहत मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव लाया गया था. लेकिन चीन के 'वीटो' पावर का इस्तेमाल किया जिसके बाद ये प्रस्ताव पास नहीं हो सका. पिछले 10 वर्षों में चीन 4 बार ऐसा कर चुका है.