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सऊदी अरब और ईरान ने पाकिस्तान को एक साथ दिया झटका

पाकिस्तान ने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) से आग्रह किया है कि उन्हें कश्मीर विवाद के स्थायी समाधान के लिए प्रयासों में तेजी लानी चाहिए. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने न्यूयॉर्क में ओआईसी संपर्क समूह की मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि  कश्मीर के उत्पीड़ित लोग अब ओआईसी और मुस्लिम उम्माओं पर काफी ज्यादा निर्भर हैं.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:24 PM IST
  • पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कश्मीर विवाद के लिए आईओसी से मांगी मदद
  • भारत कर रहा कश्मीर में अत्याचार: शाह कुरैशी

पाकिस्तान ने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) से आग्रह किया है कि उन्हें कश्मीर विवाद के स्थायी समाधान के लिए प्रयासों में तेजी लानी चाहिए. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने न्यूयॉर्क में ओआईसी कॉन्टैक्ट ग्रुप की मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीरियों की उम्मीदें अब ओआईसी और मुस्लिम एकता पर ही टिकी हुई हैं. उन्होंने सभी से आग्रह किया कि संयुक्त राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण मंचों मसलन यूएन महासभा और ह्यूमन राइट्स काउंसिल पर इस मुद्दे को उठाया जाना चाहिए.

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दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा की इसी हफ्ते हुई बैठक में तुर्की के सिवा किसी भी मुस्लिम देश ने कश्मीर का मुद्दा नहीं उठाया और अब पाकिस्तान इस्लामिक सहयोग संगठन में इसकी शिकायत करता नजर आ रहा है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में ईरान, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों की तरफ से कश्मीर का कोई जिक्र नहीं हुआ. वहीं, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने इस मुद्दे को छेड़ा था लेकिन उनका रुख भी पिछली बार की तरह उतना आक्रामक नहीं था. तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कहा कि कश्मीर में 74 सालों से जारी समस्या को दोनों देशों को संवाद के जरिए सुलझाना चाहिए और इसे यूएन के प्रासंगिक प्रस्तावों के जरिए सुलझाने की कोशिश होनी चाहिए. 
 

'जब तक कश्मीर का समाधान नहीं होगा तब तक दक्षिण एशिया में शांति नहीं होगी' 

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शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में एक व्यापक और रिसर्च किया हुआ डोजियर जारी किया है. इस डोजियर में भारतीय सेना द्वारा कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन के बारे में बात की गई है. उन्होंने कहा कि 131 पेजों के डोजियर में भारत के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किए गए वॉर क्राइम के 3,432 पीड़ितों के खाते शामिल हैं. वीडियो और ऑडियो के माध्यम से हमने लंबे समय में इन अपराधों के सबूतों को इकट्ठा किया है. उन्होंने ओआईसी के सेक्रेटरी जनरल से आग्रह किया कि इस डोजियर को संगठन के सभी सदस्यों में बांटा जाए और व्यापक तौर पर इसे प्रसारित किया जाए.  उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि कश्मीरी लोगों की इच्छा और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार जब तक जम्मू-कश्मीर विवाद का समाधान नहीं होगा तब तक दक्षिण एशिया में कोई शांति नहीं होगी. 

'कश्मीर विवाद के समाधान के लिए पाकिस्तान तैयार था पर भारत नहीं' 

शाह कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद थी कि इस साल फरवरी में संघर्ष विराम समझौते के बाद भारत, कश्मीर विवाद के समाधान के लिए बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए सकारात्मक कदम उठाएगा. हालांकि इसके बजाए भारत और भी ज्यादा आक्रामक हो गया. पाकिस्तान कश्मीर विवाद के समाधान के लिए भारत के साथ जुड़ने के लिए तैयार था, लेकिन इसके लिए बेहतर माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत की थी. उन्होंने ये भी कहा कि 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर में स्थापित कानून को हटाने, मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने और इस क्षेत्र में डेमोग्राफिक बदलाव को रोकने के लिए भी भारत से गुहार लगाई. उन्होंने इसके अलावा कश्मीर के बिगड़ते हालातों को लेकर ग्लोबल स्तर पर ध्यान आकर्षित कराने के लिए ओआईसी की सराहना भी की. 

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