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सैनिकों की जानें गईं, लेकिन करगिल युद्ध से क्या हासिल हुआ, मुशर्रफ पर नवाज का हमला

इंडिया टुडे टीवी को मिले एक वीडियो लिंक में शरीफ को यह कहते सुना जा सकता है कि कैसे पाकिस्तानी सैनिकों को बिना खाने और हथियारों के ही लड़ना पड़ा था. शरीफ ने कहा, "यह दर्दनाक था कि चोटियों पर हमारे सैनिकों के पास खाना तो दूर हथियार तक नहीं थे. जानें कुर्बान हुईं लेकिन देश या समुदाय ने क्या हासिल किया?” 

पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ
अभिषेक भल्ला
  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST
  • नवाज शरीफ ने करगिल युद्ध पर खोली अपने देश की पोल
  • पाक सैनिकों के पास हथियार-खाना नहीं था: नवाज

पाकिस्तान में राजनेताओं की ओर से अपनी सेना के जनरलों का पर्दाफाश करने के सिलसिले में पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल (एन) नेता नवाज शरीफ का नाम भी जुड़ गया है. शरीफ ने परवेज मुशर्रफ समेत सेना के जनरलों को पाकिस्तान को 1999 करगिल युद्ध में मिली शिकस्त के लिए जिम्मेदार ठहराया है.  

इंडिया टुडे टीवी को मिले एक वीडियो लिंक में शरीफ को यह कहते सुना जा सकता है कि कैसे पाकिस्तानी सैनिकों को बिना खाने और हथियारों के ही लड़ना पड़ा था. शरीफ ने कहा, "यह दर्दनाक था कि चोटियों पर हमारे सैनिकों के पास खाना तो दूर हथियार तक नहीं थे. जानें कुर्बान हुईं लेकिन देश या समुदाय ने क्या हासिल किया?” 

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क्वेटा में एकत्र लोगों से शरीफ ने वर्चुअल संबोधन में कहा, “करगिल युद्ध की शुरुआत सेना ने नहीं बल्कि कुछ जनरलों की ओर से की गई थी. वो युद्ध जिसने बहादुर पाकिस्तानी सैनिकों को खोया, वो युद्ध जिसने पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान को शर्मसार किया. उन्होंने (जनरलों) ने न सिर्फ सेना बल्कि देश और समुदाय को ऐसी स्थिति में डाल दिया, जिससे कुछ हासिल नहीं किया जा सकता था.” शरीफ ने लंदन से वीडियो लिंक के माध्यम से बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान ने करगिल युद्ध से कुछ हासिल नहीं किया. 

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जनरल मुशर्रफ का उल्लेख करते हुए शरीफ ने कहा कि “ये जनरल, जो करगिल युद्ध के पीछे थे, उन्होंने ही 12 अक्टूबर, 1999 को तख्तापलट किया था और अपनी करतूतों को छुपाने और सजा से बचने के लिए मार्शल लॉ का ऐलान किया था. परवेज मुशर्रफ और उनके साथी ने निजी फायदे के लिए सेना का इस्तेमाल किया और उसे अपमानित किया.” 

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शरीफ के बयान पाकिस्तान के राजनेताओं की उन टिप्पणियों की सीरीज का ही हिस्सा है, जिसमें पाकिस्तान की सेना की ओर से भारत को डील करने की स्थिति में किए गए दुस्साहसों और कार्रवाइयों से पर्दा हटाया जा रहा है.  इमरान खान सरकार के एक मंत्री फवाद चौधरी ने 29 अक्टूबर को पाकिस्तानी संसद में बोलते हुए अपनी सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया. चौधरी ने अपने बयान में कहा कि भारत के पुलवामा में सुसाइड हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के 40 जवानों की मौत पाकिस्तान के लिए उपलब्धि थी.  

चौधरी संसद में पीएमएल (एन) के सांसद अयाज सादिक के बयान का जवाब दे रहे थे. सादिक ने कहा था कि पाकिस्तान सरकार ने भारतीय वायु सेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन को इसलिए रिहा किया था क्योंकि उसे भारत की ओर से हमला किए जाने का डर था.”  भारतीय वायुसेना ने पिछले साल फरवरी में बालाकोट स्थित आतंकी कैम्पों पर कार्रवाई की थी. उसी ऑपरेशन में हिस्सा लेते हुए विंग कमांडर अभिनंदन का विमान हिट किया था और वो पैराशूट से कूदने के बाद पाकिस्तानी क्षेत्र में पहुंच गए थे जहां उन्हें हिरासत में ले लिया गया था. 

फवाद के बयान ने तूल पकड़ा तो उन्होंने लीपापोती के अंदाज में कहा कि उनकी बात को गलत समझा गया और वो कहना चाह रहे थे कि पुलवामा हमले के बाद जो घटनाक्रम हुआ और उसके दौरान जो इमरान सरकार की ओर से कदम उठाए गए, वो पाकिस्तान के लिए उपलब्धि की तरह था. 

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