
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सरकारी और सेना की इमारतों पर इस महीने हुए हमलों में शामिल संदिग्धों के लिए लाहौर स्थित अपने आवास की तलाशी लेने से पुलिस को इनकार कर दिया. इमरान ने जमान पार्क आवास पर किसी भी ऑपरेशन के लिए पुलिस के सामने अपनी शर्तें रखीं.
पूर्व प्रधानमंत्री ने हिंसा में शामिल किसी को भी आश्रय देने से इनकार करते हुए कहा कि उनके आवास की तलाशी हाई कोर्ट द्वारा बनाए गए पैनल द्वारा ली जा सकती है, जिसमें सरकार और उनकी पार्टी के सदस्य शामिल हों. इसके साथ ही पैनल में एक महिला अधिकारी भी हो.
इमरान ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "उन्होंने पहले कहा कि अंदर आतंकवादी थे, लेकिन फिर उन्होंने कहा कि वहां वांछित लोग हैं."
उन्होंने कहा, "मैंने उनसे पूछा वे अंदर आकर देख सकते हैं कि क्या कोई वांछित व्यक्ति है, लेकिन उन्होंने कहा कि वे मेरे घर की तलाशी लेना चाहते हैं, जिसकी मैं अनुमति नहीं दे सकता था.अगर उन्हें तलाशी लेनी है तो अदालत के आदेश के तहत की जाएगी. जिसमें दोनों पक्षों के लोग शामिल होंगे और इसमें महिला भी होगी." बता दें कि पुलिस बीते दो दिनों से जमान पार्क स्थित इमरान के आवास का घेराव किए हुए थी, जिसे अब हटा लिया गया है.
9 मई को हुई थी इमरान की गिरफ्तारी
पंजाब प्रांत के सूचना मंत्री आमिर मीर ने रॉयटर्स को बताया था कि इमरान खान के साथ शर्तों पर सहमत होने के बाद ही पुलिस तलाशी अभियान शुरू करेगी. बीते मार्च में इमरान खान के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी, जब पुलिस ने अदालत में पेश नहीं होने पर पूर्व पीएम को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी. इमरान को बीती 9 मई को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.
हमला करने वाले 14 संदिग्ध गिरफ्तार
लाहौर के पुलिस चीफ बिलाल काम्याना ने बताया कि पुलिस ने कमांडर के घर पर हमले में शामिल 14 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जो जमान पार्क से भागने की कोशिश कर रहे थे. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि टीम ने ज़मान पार्क के प्रशासन को संदिग्धों के बारे में सभी सबूत सौंप दिए हैं. इसने कहा कि हिंसा में शामिल 2,200 संदिग्धों की सूची भी खान को सौंपी गई है. वहीं जानकारों का कहना है कि खान के घर की तलाशी से अशांति और बढ़ सकती है.