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जाधव को लेकर PAK करेगा बड़ा फैसला, आर्मी कोर्ट से बाहर होगी सुनवाई

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान बड़ा फैसला लेने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, जाधव के मामले को सिविलियन कोर्ट में चलाने के लिए आर्मी एक्ट में बदलाव किया जाएगा. इसके बाद जाधव को अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सिविलियन कोर्ट में अपील करना होगा.

कुलभूषण जाधव को लेकर आर्मी एक्ट में बदलाव करेगा पाक (फाइल) कुलभूषण जाधव को लेकर आर्मी एक्ट में बदलाव करेगा पाक (फाइल)
aajtak.in/हमजा आमिर
  • इस्लामाबाद,
  • 13 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 2:31 PM IST

  • जाधव को लेकर आर्मी एक्ट में बदलाव होगा-सूत्र
  • गिरफ्तारी के खिलाफ सिविलियन कोर्ट में अपील
  • 2017 में पाकिस्तान ने सुनाई थी मौत की सजा

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान बड़ा फैसला लेने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, जाधव के मामले को सिविलियन कोर्ट में चलाने के लिए आर्मी एक्ट में बदलाव किया जाएगा. इसके बाद जाधव को अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सिविलियन कोर्ट में अपील करना होगा.

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ICJ ने UN में लगाई फटकार

इससे पहले पिछले महीने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के केस में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने पाकिस्तान को फटकार लगाई. आईसीजे के अध्यक्ष जज अब्दुलाकावी यूसुफ ने यूएन जनरल असेंबली को जानकारी देते हुए बताया कि कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान ने वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 36 के तहत अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया. पूरे मामले में आवश्यक कार्यवाही भी नहीं की गई.

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कहा था कि पाकिस्तान ने वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 36 का उल्लंघन किया है. इस मामले में पाकिस्तान ने जाधव को वो सभी अधिकार नहीं दिए जो उन्हें मिलना चाहिए थे. कुलभूषण जाधव के मामले में कोर्ट ने कई बार वियना कन्वेंशन का जिक्र किया.

2017 में सुनाई मौत की सजा

कोर्ट ने यह भी कहा कि वियना कन्वेंशन में कहीं इस बात जिक्र नहीं है कि जासूसी के आरोप का सामना कर रहे शख्स को काउंसलर एक्सेस नहीं दिया जाता. कोर्ट ने कहा कि इसलिए पाकिस्तान को हर हाल में कुलभूषण जाधव मामले में काउंसलर एक्सेस देना चाहिए था.

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अप्रैल 2017 में कुलभूषण जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. अब्दुलकावी अहमद यूसुफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ही इस मामले में सजा पर पुनर्विचार करने का फैसला सुनाया था.

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