
पाकिस्तान ने आतंक पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया. पंजाब प्रांत की सरकार ने 80 से अधिक प्रतिबंधित संगठनों को दान देने पर रोक लगा दी. इसमें मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद का संगठन जमात-उद-दावा (JuD) और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) भी शामिल है. सरकार ने लोगों से आग्रह किया कि रमजान और ईद के दौरान इन संगठनों को किसी भी तरह से सहायता या दान ना करें.
आतंकवाद निरोधक अधिनियम के तहत कार्रवाई
पाकिस्तान के पंजाब सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार, प्रतिबंधित संगठनों को किसी भी प्रकार का सहायता देना आतंकवाद निरोधक अधिनियम, 1997 के तहत अपराध माना जाएगा. जो भी व्यक्ति या संस्था प्रतिबंधित संगठनों को दान करते हुए पाया गया तो उसे कानून के तहत सजा दी जाएगी.
प्रतिबंधित संगठनों की सूची जारी
पाकिस्तान के पंजाब सरकार द्वारा कुल 83 संगठनों को इस सूची में शामिल किया गया. इसमें अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA), लश्कर-ए-झांगवी (LeJ) जैसे आतंक संगठन शामिल हैं.
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जिस्टर्ड संस्थाओं को ही दें दान
पाकिस्तान के पंजाब सरकार ने साफ किया है कि पंजाब चैरिटी कमिशन द्वारा पंजीकृत संगठनों को ही दान दें. ताकि यह दान सही लोगों तक पहुंच सके, ना कि आतंकियों के पास. अब पंजाब में धार्मिक संगठनों के लिए पंजाब चैरिटी आयोग के साथ रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा.
26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद 2019 से लाहौर के जेल में बंद है. उसे आतंक के फंडिंग से जुड़े कई मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है. लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, हाफिज को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाता है.
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26/11 मुंबई आतंकी हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी. लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई के कई स्थानों पर हमला किया था. इस घटना को लेकर पाकिस्तान और भारत के बीच रिश्ते बिगड़ गए. दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए.
माना जा रहा है कि पाकिस्तान के पंजाब सरकार द्वारा यह फैसला अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते लिया गया. अब देखना ये होगा कि सरकार इसे कितनी सख्ती से लागू करती है.