
पाकिस्तान में आतंकी संगठन तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रमुख साद हुसैन रिजवी को अप्रैल महीने में वहां के पंजाब प्रांत की सरकार ने गिरफ्तार किया था. साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार कर लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद किया गया था. साद की रिहाई के लिए आंदोलन चल रहे थे. आंदोलनों के आगे इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने घुटने टेक दिए हैं.
इमरान सरकार ने साद हुसैन रिजवी को जेल से रिहा कर दिया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक सरकार के प्रवक्ता हसन खवर ने कट्टरपंथी संगठन के प्रमुख साद हुसैन रिजवी को रिहा किए जाने की पुष्टि की है. साद हुसैन रिजवी के वकील मोहम्मद रिजवान ने भी रिहाई की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि अल्लाह के करम से अब वे स्वतंत्र आदमी हैं.
पाकिस्तान सरकार ने दो हफ्ते पहले टीएलपी के हिरासत में लिए गए करीब 2000 सदस्यों को रिहा करने पर सहमति जताई थी. इमरान खान की सरकार ने संगठन से प्रतिबंध हटाने और चुनाव लड़ने इजाजत देने पर सहमति जताई थी. पाकिस्तान सरकार के साथ बातचीत के दौरान वार्ताकारों ने ये कहा था कि टीएलपी हिंसा की राजनीति छोड़ देगी.
टीएलपी की ओर से ये आश्वासन भी दिया था कि वे फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने की मांग छोड़ देंगे. टीएलपी की ओर से फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने की मांग की जा रही थी. ऐसा फ्रांस की एक पत्रिका में पैगंबर साहब का कैरिकेचर प्रकाशित होने को लेकर किया जा रहा था. गौरतलब है कि रिजवी के समर्थकों ने अक्टूबर महीने में प्रोटेस्ट किया था जिसमें सात पुलिसकर्मी मारे गए थे. बता दें कि इमरान खान की सरकार ने टीएलपी को आतंकी संगठन घोषित करते हुए साल की शुरुआत में साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार कर लिया था.