
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को चुनाव आयोग ने पांच साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है. तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान को पांच साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया है.
इमरान खान ने तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के निचली अदालत के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि 'ट्रायल कोर्ट द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें सजा दिया जाना न्यायाधीश का पक्षपाती फैसला था. यह पूरी तरह निष्पक्ष सुनवाई के चेहरे पर तमाचा है. इसके साथ ही यह न्याय व उचित प्रक्रिया का मजाक उड़ाने जैसा है.
अदालत ने कहा कि प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए इमरान खान को तोशाखाना में जमा जो तोहफे मिले थे. उन्होंने उन तोहफों की गलत जानकारी मुहैया कराई थी. उनकी बेईमानी ने सभी सीमाएं लांघ दी हैं. इस फैसले का मतलब है कि इमरान खान संविधान के अनुच्छेद 63(1) (एच) के तहत अगले पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे और ना ही किसी संवैधानिक पद को ग्रहण कर पाएंगे.
बता दें कि 70 वर्षीय खान को इस्लामाबाद ट्रायल कोर्ट द्वारा तोशखाना भ्रष्टाचार मामले में "भ्रष्ट आचरण" का दोषी पाए जाने और तीन साल जेल की सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया था.
तीन महीने में दूसरी बार गिरफ्तारी
तीन महीने में यह दूसरी बार है जब खान को गिरफ्तार किया गया. इस पहले पूर्व पीएम को 9 मई को इस्लामाबाद में अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में उच्च न्यायालय परिसर से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उनके समर्थकों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था.खान पर देशभर में 140 से अधिक मामले दर्ज हैं. उन पर आतंकवाद, हिंसा, ईशनिंदा, भ्रष्टाचार और हत्या जैसे आरोप हैं.
क्या है तोशाखाना मामला?
- इमरान पर अपने कार्यकाल 2018 से 2022 के बीच पद का दुरपयोग करने का आरोप है. उन पर विदेश यात्राओं के दौरान मिले सरकारी उपहार को सस्ते दामों में खरीदने और भारी मुनाफे में बेचने का आरोप लगा था. इन उपहारों की कीमत 140 मिलियन रुपये (635,000 अमेरिकी डॉलर) से ज्यादा थी.
- इमरान खान ने कहा था, एक देश के राष्ट्रपति ने मेरे घर पर एक गिफ्ट भिजवाया था, जो मैंने तोशाखाना में जमा करा दिया. मैंने ये गिफ्ट उनकी मूल लागत से 50 फीसदी की दर पर खरीदे हैं. इमरान खान को उनके साढ़े तीन साल के प्रधानमंत्री पद के कार्यकाल के दौरान दुनियाभर के कई नेताओं से 14 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत के 58 गिफ्ट मिले थे. उन्होंने आयकर रिटर्न में इन गिफ्ट्स की बिक्री का ब्योरा पेश नहीं किया था.
- ट्रायल कोर्ट ने यह आरोप सही पाए और इमरान को दोषी ठहराया. उसके बाद शनिवार को सजा का ऐलान किया.
- पिछले साल पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने इसी मामले में इमरान को अयोग्य घोषित कर दिया था. ईसीपी ने 21 अक्टूबर 2022 को इमरान को तोशाखाना मामले में झूठे बयान और गलत घोषणा करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था.
- चुनाव आयोग ने इमरान पर पांच साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध भी लगा दिया था. हालांकि बाद में हाई कोर्ट ने आयोग के इस फैसले को पलट दिया था.
- हाई कोर्ट ने कहा था- इमरान खान चुनाव के लिए अयोग्य नहीं हैं. सभी के लिए एक मानक होना चाहिए. इस मामले में जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है.
- पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है, जहां अन्य सरकारों के प्रमुखों, विदेशी हस्तियों द्वारा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है. इन उपहारों को संग्रहित और लेखा-जोखा रहता है.
इमरान खान कैसे फंसे?
- इमरान को पीएम के तौर पर यूरोप और खासकर अरब देशों की यात्रा के दौरान बहुत से कीमती तोहफे मिले थे. इमरान ने बहुत से तोहफों की तो जानकारी ही नहीं दी, जबकि कई तोहफों को कम कीमत में खरीद लिया और बाहर जाकर बड़ी कीमत पर बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बाकायदा अनुमति भी दी थी.
- इमरान ने चुनाव आयोग को बताया था कि राज्य के खजाने से इन गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा गया था और इन्हें बेचकर उन्हें करीब 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. इन गिफ्ट्स में एक Graff घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां सहित कई अन्य उपहार भी थे.
- दुबई के एक कारोबारी ने दावा किया था कि उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोहफे में मिली एक बेशकीमती घड़ी 20 लाख डॉलर में खरीदी. यह घड़ी सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इमरान खान को दी थी. दुबई के इस कारोबारी का नाम उमर फारूक जहूर है.
- उमर का दावा था कि इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी की एक करीबी फराह खान से उनकी दुबई में मुलाकात हुई थी, जिसके बाद उन्होंने यह घड़ी खरीदी. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, पीटीआई सरकार 40 से 50 लाख डॉलर में यह घड़ी बेचना चाहती थी. लेकिन बातचीत के बाद मैंने यह घड़ी 20 लाख डॉलर में खरीद ली.
- उमर ने बताया कि फराह खान के कहने पर ही नगद पैसा दिया गया. पाकिस्तान में 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को अपने आधिकारिक विदेशी दौरों के दौरान अमीर अरब मुल्कों से महंगे तोहफे मिले थे, जिन्हें तोशाखाना में जमा करा दिया गया था. उमर ने बाद में इन्हीं तोहफों में से एक महंगी घड़ी कम दाम पर खरीद ली.