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बढ़ सकती हैं इमरान खान की मुश्किलें, पूर्व पीएम के खिलाफ सैन्य अदालत में चलाया जा सकता है मुकदमा

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. अब खबर है कि उनके खिलाफ सैन्य अदालत में मुकदमा चलाए जाने की आशंका है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ये आशंका जताई है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने आसिफ के हवाले से कहा कि अगर 9 मई की हिंसा में शामिल होने के सबूत मिलते हैं तो इमरान खान पर मुकदमा चलाया जा सकता है.

पाकिस्तान का पूर्व पीएम इमरान खान (फाइल फोटो) पाकिस्तान का पूर्व पीएम इमरान खान (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 जून 2023,
  • अपडेटेड 6:36 AM IST

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पूर्व पीएम इमरान खान पर सैन्य अदालत में मुकदमा चलाए जाने की आशंका जताई है. उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम पर 9 मई की घटनाओं में कथित संलिप्तताओं को लेकर मुकदमा चलाया जा सकता है. इमरान की पार्टी पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने इस तारीख को पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और मुल्क के प्रमुख केंद्रीय इमारतों पर हमला किया था. एक मीडिया रिपोर्ट में इसे लेकर दावा किया गया है.   

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9 मई की हिंसा से जुड़ा है मामला
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने आसिफ के हवाले से कहा कि अगर 9 मई की हिंसा में शामिल होने के सबूत मिलते हैं तो 70 वर्षीय खान सैन्य अदालत में मुकदमे का सामना कर सकते हैं. 
उन्होंने यह भी पुष्टि की कि 9 मई के हमलों के सिलसिले में पाकिस्तान में तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख के खिलाफ अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. यह पूछे जाने पर कि क्या अपदस्थ प्रधानमंत्री पर सेना अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है. इस पर मंत्री ने कहा, कि जरूर चलाया जा सकता है और इस बात की प्रबल आशंका भी है. 

राणा सनाउल्लाह ने भी की थी मुकदमा चलाए जाने की बात
उनकी यह टिप्पणी गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के उस बयान के कुछ दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि खान पर सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया जाएगा, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री नौ मई की घटनाओं के रणनीतिकार थे. यह उनके ही इशारे पर हुआ था. बता दें कि 9 मई को अल-कादिर भ्रष्टाचार मामले में खान की गिरफ्तारी के बाद पार्टी से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने नागरिक और सैन्य संपत्तियों पर हमला कर नुकसान पहुंचाया था. इसके बाद से इमरान खान की पार्टी मुश्किल में पड़ गई है.

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पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना शुरू हो चुका है. प्रदर्शनकारियों ने रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय के साथ-साथ लाहौर के जिन्ना हाउस (जहां कोर कमांडर रह रहे थे) पर भी हमला कर दिया था. 

पहले नहीं थी मुकदमा चलाए जाने की बात
इससे पहले, रिपोर्ट में सामने आया था कि आसिफ ने कहा है कि, सेना अधिनियम के तहत क्रिकेटर से नेता बने पूर्व पीएम इमरान खान पर मुकदमा चलाने के संबंध में कोई फैसला नहीं किया गया था, लेकिन उन्होंने इस संभावना से इनकार नहीं किया था कि खान 9 मई की हिंसा के पीछे के मास्टरमाइंड थे और जानता थे कि उस दिन क्या हो रहा था. सरकार के मंत्रियों ने बार-बार कहा है कि कोई नई सैन्य अदालतें स्थापित नहीं की जाएंगी और संदिग्धों पर "विशेष स्थायी अदालतों" में ही मुकदमा चलाया जाएगा जो पहले से ही सेना अधिनियम के तहत काम कर रही थीं. 

दोषियों के प्रति नहीं बरती जाएगी नरमी
सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने यह भी कहा कि 9 मई के हमलों के साजिशकर्ताओं, और इसे अंजाम देने वालों पर सेना अधिनियम और आधिकारिक गुप्त अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाएगा. इसके साथ ही इसके दोषियों के प्रति कोई नरमी नहीं दिखाई जाएगी. हालांकि पूर्व पीएम इमरान खान हिंसा में अपनी संलिप्तता से इनकार करते हुए कह चुके हैं कि जब घटनाएं हुईं तो वह जेल में थे. उन्होंने कहा कि उन्हें देशद्रोह के एक मामले में 10 साल तक जेल में रखने की साजिश भी रची जा रही है. 

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बता दें कि, 9 मई को इस्लामाबाद में अर्धसैनिक रेंजर्स ने जब इमरान खान को गिरफ्तार किया था तो इसके बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था. उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी भवनों में तोड़फोड़ की. रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी पहली बार भीड़ ने हमला किया था. खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था.

 

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