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'रविवार को ईशा की नमाज के बाद जनता को सड़कों पर आकर विरोध करना होगा', इमरान की PAK की जनता से अपील

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार की रात को करीब 35 मिनट तक राष्ट्र की जनता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. साथ ही भारत की जमकर तारीफ भी की. भारत की विदेश नीति को बेहतर भी बताया. उन्होंने कहा कि किसी सुपर पावर की जुर्रत नहीं कि भारत के खिलाफ कुछ बोल दे.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान. -फाइल फोटो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान. -फाइल फोटो
aajtak.in
  • इस्लामाबाद,
  • 08 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST
  • शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
  • अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के फैसले को SC ने बताया असंवैधानिक

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्र के नाम संबोधन में जनता से सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से उतरने की अपील की है. उन्होंने कहा कि रविवार को ईशा की नमाज के बाद जनता को सड़कों पर आकर विरोध करना होगा. उन्होंने कहा कि मेरी सरकार के बाद जो सरकार आएगी, उसे मैं स्वीकार नहीं करुंगा और लोगों के बीच जाऊंगा. इमरान ने पाकिस्तान के युवाओं से कहा कि मैं हमेशा आपके साथ हूं, आपके बीच रहूंगा. मेरा कोई पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं है. मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में जो जलसा हुआ था उतनी भीड़ कहीं भी कभी नहीं हुई.

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इमरान खान ने कहा कि मैं इस आयातित सरकार को स्वीकार नहीं करूंगा, मैं सड़क पर उतरूंगा... केवल लोग ही मुझे सत्ता में ला सकते हैं और मैं लोगों की मदद से वापस आऊंगा. उन्होंने कहा कि उनके समर्थकों को रविवार शाम को बाहर आना चाहिए.

उन्होंने नए चुनावों की घोषणा करने और अपने साथ देश का सामना करने के लिए विपक्ष पर ताना मारा. उन्होंने कहा कि मैंने इसलिए विधानसभा भंग कर दी क्योंकि मैं चाहता हूं कि लोग नई सरकार का चुनाव करें. 

इमरान ने कहा कि विदेशी ताकतों के चलते पाकिस्तान में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. जब नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव की बारी आई तो मैंने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया और जनता के बीच पहुंच गया लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से मुझे काफी निराशा हुई है.

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राष्ट्र के नाम संबोधन में इमरान ने भारत की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि कोई भी महाशक्ति (सुपर पावर) भारत की विदेश नीति को तय नहीं कर सकती. उन्होंने कहा, "मैं भारत को अन्य देशों से बेहतर जानता हूं. कोई भी महाशक्ति भारत की विदेश नीति को नियंत्रित नहीं कर सकती. आरएसएस की विचारधारा के कारण ही भारत-पाकिस्तान संबंधों में दरार आई है." उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान की एक स्वतंत्र विदेश नीति होनी चाहिए.

सेना नहीं जनता लोकतंत्र की रक्षा कर सकती है: इमरान खान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान के लोग देश में लोकतंत्र की रक्षा कर सकते हैं, सेना नहीं. उन्होंने कहा कि मैं पाकिस्तान के लिए एक स्वतंत्र विदेश नीति चाहता हूं जिसमें पाकिस्तान किसी बाहरी मुल्क की गुलामी न करे. किसी से दुश्मनी न करे. उन्होंने कहा कि इमरान खान अमेरिकी विरोधी नहीं हैं. उन्होंने आगे कहा कि विदेशी देशों को पाकिस्तान को टिशू पेपर की तरह इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

अमेरिकी राजदूत ने कहा- इमरान खान को मास्को नहीं जाना चाहिए था: पाक पीएम

राष्ट्र के संबोधन के दौरान इमरान खान ने दावा किया कि अमेरिकी राजदूत ने अपने पाकिस्तानी समकक्षों को बताया कि इमरान खान को मास्को नहीं जाना चाहिए था. वाशिंगटन ने इस्लामाबाद में अपने समकक्षों को यह भी बताया कि अगर इमरान खान विपक्ष द्वारा उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास मत से बच जाते हैं तो पाकिस्तान को नुकसान होगा. इमरान ने कहा कि हमें धीरे-धीरे पता चला कि यह एक योजना थी. यह स्क्रिप्ट का हिस्सा था. हम सभी के लिए यह तय करना महत्वपूर्ण है कि हम स्वतंत्र लोग बनना चाहते हैं या गुलाम.

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मैं निराश हूं: इमरान खान

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा कि वह नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर की उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास मत को खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हैं. इमरान खान ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट को कम से कम एक विदेशी साजिश के सबूतों पर गौर करना चाहिए था." उन्होंने कहा कि विपक्षी खेमे में जमकर खरीद-फरोख्त हो रही है. उन्होंने कहा, "किस देश का लोकतंत्र इस तरह के कृत्यों की अनुमति देता है." उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय को इस तरह की गतिविधियों पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए.

विपक्ष का मकसद आवाम की पॉलिटिक्स नहीं है: इमरान खान

इमरान ने कहा कि जो भी विपक्ष में हैं उन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ क्या कुछ पहले नहीं बोला है. पहले इन्होंने एक दूसरे के खिलाफ मामला दर्ज कराया है, करप्शन के आरोप लगाए हैं. अब ये चाहते हैं कि किसी तरह इन्हें सत्ता मिल जाए, ताकि फिर से ये चोरी कर सके. ये जनता के पास क्यों नहीं गए. इनका मकसद आवाम की पॉलिटिक्स नहीं है.

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