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'मैं हजार साल तक जेल में रहने को तैयार...', क्यों बोले PAK के पूर्व पीएम इमरान खान

पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) की लीगल टीम के सदस्य उमियार नियाजी ने जेल में इमरान से मुलाकात की. इसक मुलाकात के बाद नियाजी ने कहा कि पूर्व पीएम का स्वास्थ्य ठीक है. हालांकि, उनकी दाढ़ी बढ़ गई है. पर उन्हें आज शेव करने के लिए शेविंग किट और शीशा दिया गया है. 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 9:08 PM IST

जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) का कहना है कि वह मुल्क के लिए 1000 सालों तक जेल की चारदीवारी में कैद रहने को तैयार हैं. तोशाखान मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व पीएम अटक जेल में बंद हैं. 

पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) की लीगल टीम के सदस्य उमियार नियाजी ने जेल में इमरान से मुलाकात की. इसक मुलाकात के बाद नियाजी ने कहा कि पूर्व पीएम का स्वास्थ्य ठीक है. हालांकि, उनकी दाढ़ी बढ़ गई है. पर उन्हें आज शेव करने के लिए शेविंग किट और शीशा दिया गया है. 

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वकील ने बताया कि इमरान खान जेलर के आचरण को लेकर खफा हैं और उनके खिलाफ अदालत की अवमानना के लिए याचिका दायर करना चाहते हैं. खान ने कहा कि उन्हें जेल में नहीं दी जा रही सुविधाओं की चिंता नहीं है.

इमरान खान ने कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि मुझे 1000 साल तक जेल में बंद किया जाए या नहीं. मैं मुल्क के लिए यह भी करने को तैयार हूं क्योंकि आजादी के लिए बलिदान देना पड़ता है. बता दें कि इमरान खान पर आतंकवाद, हिंसा, ईशनिंदा, भ्रष्टाचार और हत्या के 140 से अधिक मामले हैं.

जेल में मक्खियों, कीटों से परेशान इमरान

इमरान खान को अटक जेल में रखा गया है. लेकिन वह चाहते हैं कि उन्हें अटक से रावलपिंडी की अदियाला जेल में शिफ्ट किया जाए. इमरान खान के वकीलों का कहना है कि 70 साल के उनके मुवक्किल अटक जेल में नहीं रहना चाहते क्योंकि यहां दिन के समय मक्खियों और और रात में कीट-पतंगों ने उनका जीना मुहाल कर रखा है. 

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इमरान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने सोमवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट का रुख कर उनके पार्टी प्रमुख को अटक से निकालकर रावलपिंडी की अदियाला जेल में शिफ्ट करने की गुहार लगाई थी. इस याचिका में यह भी आग्रह किया गया था कि इमरान को अटक की 'ए' श्रेणी की बैरक में रखा जाए. साथ ही उनके परिवार, वकीलों और डॉक्टर फैजल सुल्तान को उनसे मिलने की इजाजत दी जाए.

इमरान के 5 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक

इमरान खान पर चुनाव आयोग ने पांच साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है. तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान को पांच साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया है. इमरान खान ने तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के निचली अदालत के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि 'ट्रायल कोर्ट द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें सजा दिया जाना न्यायाधीश का पक्षपाती फैसला था. यह पूरी तरह निष्पक्ष सुनवाई के चेहरे पर तमाचा है. इसके साथ ही यह न्याय व उचित प्रक्रिया का मजाक उड़ाने जैसा है.

क्या है तोशाखाना मामला?  

- इमरान पर अपने कार्यकाल 2018 से 2022 के बीच पद का दुरपयोग करने का आरोप है. उन पर विदेश यात्राओं के दौरान मिले सरकारी उपहार को सस्ते दामों में खरीदने और भारी मुनाफे में बेचने का आरोप लगा था. इन उपहारों की कीमत 140 मिलियन रुपये (635,000 अमेरिकी डॉलर) से ज्यादा थी.

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- इमरान खान ने कहा था, एक देश के राष्ट्रपति ने मेरे घर पर एक गिफ्ट भिजवाया था, जो मैंने तोशाखाना में जमा करा दिया. मैंने ये गिफ्ट उनकी मूल लागत से 50 फीसदी की दर पर खरीदे हैं. इमरान खान को उनके साढ़े तीन साल के प्रधानमंत्री पद के कार्यकाल के दौरान दुनियाभर के कई नेताओं से 14 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत के 58 गिफ्ट मिले थे. उन्होंने आयकर रिटर्न में इन गिफ्ट्स की बिक्री का ब्योरा पेश नहीं किया था.

- ट्रायल कोर्ट ने यह आरोप सही पाए और इमरान को दोषी ठहराया. उसके बाद शनिवार को सजा का ऐलान किया.

- पिछले साल पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने इसी मामले में इमरान को अयोग्य घोषित कर दिया था. ईसीपी ने 21 अक्टूबर 2022 को इमरान को तोशाखाना मामले में झूठे बयान और गलत घोषणा करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था.

- चुनाव आयोग ने इमरान पर पांच साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध भी लगा दिया था. हालांकि बाद में हाई कोर्ट ने आयोग के इस फैसले को पलट दिया था.

- हाई कोर्ट ने कहा था- इमरान खान चुनाव के लिए अयोग्य नहीं हैं. सभी के लिए एक मानक होना चाहिए. इस मामले में जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है.

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- पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है, जहां अन्य सरकारों के प्रमुखों, विदेशी हस्तियों द्वारा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है. इन उपहारों को संग्रहित और लेखा-जोखा रहता है.

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