
पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने ही देश में बागी मोर्चा खोल रखा है.उन्होंने शनिवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी संघीय सरकार पर समय से पहले आम चुनाव कराने के लिए दबाव बनाने के प्रयास में, निर्धारित समय से पहले, अगले सप्ताह दो प्रांतीय विधानसभाओं को भंग कर देगी.
खान ने पूर्वी शहर लाहौर में अपने समर्थकों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'अगले शुक्रवार (23 दिसंबर), हम पंजाब और खैबर-पख्तूनख्वा विधानसभाओं को भंग कर देंगे.' बता दें कि उनकी पार्टी देश की चार प्रांतीय विधानसभाओं में से दो में सत्ता में है.
कई दिनों से सरकार पर साध रहे हैं निशाना
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने चेतावनी दी थी कि अगर शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली संघीय सरकार बातचीत के लिए नहीं बैठती है और आम चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं करती है तो वह पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में विधानसभा भंग कर देंगे. वह लंबे समय से यह बात कहते आए हैं लेकिन मौजूदा सरकार उनकी नहीं सुन रही है. इसके बाद शनिवार को उन्होंने तारीख का ऐलान भी कर दिया है.
अगस्त 2023 में खत्म होगा असेंबली का कार्यकाल
इमरान खान की सरकार नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद इसी साल अप्रैल में गिर गई थी. जब से उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाया गया है तब से वह लगातार नए सिरे से चुनाव की मांग कर रहे हैं. हालांकि शरीफ के नेतृत्व में चल रही संघीय सरकार अब चुनाव कराने का विरोध कर रही है. बताते चलें कि वर्तमान असेंबली का कार्यकाल अगस्त 2023 में पूरा होगा.
इमरान ने बाजवा पर बोला हमला
अब से 2 दिन पहले ही इमरान ने पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख बाजवा पर निशाना साधा था. इमरान खान ने लाहौर स्थित अपने आवास पर देश को संबोधित करते हुए कहा था कि बाजवा ने उनकी पार्टी के सदस्यों को भी परेशान किया. खान ने कहा कि बाजवा ने पाकिस्तान की गठबंधन सरकार के सदस्यों विशेष रूप से शरीफ परिवार से जुड़े लोगों की जमकर तरफदारी की है. उन्होंने कहा, जनरल बाजवा ने पाकिस्तान के साथ जो किया है, वह दुश्मन भी नहीं कर सकता.
इमरान ने आगे कहा, जब मैं सत्ता में था, जनरल बाजवा मुझसे कहते थे कि चोरों (शरीफ और जरदारी परिवार) की जवाबदेही के बारे में भूल जाओ. पूरी दुनिया जानती है कि जनरल परवेज मुशर्रफ और फिर बाजवा ने पहला एनआरओ (अपराधों के लिए माफी) डील पीपीपी और पीएमएल-एन पार्टी के साथ की थी. एनआरओ यानी नेशनल रिकंसिलिएशन ऑर्डिनेंस 2007 में देश के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ लेकर आए थे, जिसके तहत पीपीपी के कई नेताओं को उनके अपराधों के लिए माफी दी गई थी. पीपीपी से जुड़े कई लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे.