
भारत की तरफ से तकनीकी खराबी की वजह से जो मिसाइल पाकिस्तान में जा गिरी थी, उस मुद्दे पर बवाल शांत होने के बजाय बढ़ता जा रहा है. कल भारत सरकार ने इस पूरे मामले में सफाई देते हुए खेद प्रकट किया था. लेकिन अब पाकिस्तान ने उस सफाई को नकार दिया है. उसके विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि इस पूरे मामले की एक संयुक्त जांच होनी चाहिए.
पाक बोला- संयुक्त जांच हो
पाकिस्तान ने तो यहां तक जानना चाहा है कि भारत की तरफ से कौन सी मिसाइल फायर की गई थी, उसकी specifications क्या थीं. जारी बयान में कहा गया है कि इतने गंभीर मामले को सिर्फ एक आसान से स्पष्टीकरण से खत्म नहीं किया जा सकता है. भारत जो इंटरनल जांच की बात कर रहा है, वो भी काफी नहीं है क्योंकि मिसाइल तो पाकिस्तान में गिरी है. ऐसे में हम संयुक्त जांच की मांग करते हैं जिससे हर तथ्य की निष्पक्ष जांच की जा सके.
चेतावनी वाले अंदाज में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने तो यहां तक कह दिया गलतफहमी में आत्मरक्षा के लिए दूसरी तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की जा सकती है, ऐसे में इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर पूरी दुनिया से अपील की है कि वो इस मामले का संज्ञान ले और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में मदद करे.
'भारत ने की भारी लापरवाही'
इस सब के अलावा भारत पर आरोप लगाते हुए पाकिस्तान ने कहा है कि उनकी तरफ से हथियारों के रख-रखाव और उसकी हैंडलिंग में भारी लापरवाही की गई है, कई तरह की तकनीकी खराबी देखने को मिली है. पाकिस्तान ने ये भी जानने की कोशिश की है कि जो मिसाइल पाकिस्तान में गिरी थी, उसको फायर किसने किया था. वो सेना द्वारा दागी गई थी या फिर कोई असामाजिक तत्व शामिल थे.
ये भी सवाल उठाया गया है कि इतनी बड़ी घटना के बारे में भारत की तरफ से पाकिस्तान को पहले सूचित क्यों नहीं किया गया. जब पाकिस्तान ने आपत्ति दर्ज करवाई, तब भारत ने सफाई पेश की. ऐसे में पाक विदेश मंत्रालय ने संयुक्त जांच की मांग उठा दी है.
हुआ क्या था?
अब जानकारी के लिए बता दें कि इस घटना के बारे में मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने भी विस्तार से बताया था. उन्होंने कहा था कि शाम 6.43 बजे पाकिस्तान वायु सेना [PAF] के एयर डिफेंस ऑपरेशन सेंटर द्वारा भारत के क्षेत्र के अंदर एक तेज गति से उड़ने वाले ऑब्जेक्ट को देखा गया. उनके मुताबिक करीब सात मिनट बाद वो चन्नू के पास गिर गया.