Advertisement

पाकिस्तान में प्रदर्शनकारियों पर काबू के लिए बुलाई गई सेना, गृह मंत्री ने भारत पर मढ़ा आरोप

पाकिस्तान के गृहमंत्री अहसान इकबाल ने दावा किया कि पिछले दो सप्ताह से ज्यादा समय से इस्लामाबाद में प्रदर्शन कर रही कट्टरपंथी धार्मिक पार्टियों ने भारत से संपर्क किया था और सरकार इस बात की जांच कर रही है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया?

पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन
राम कृष्ण
  • इस्लामाबाद,
  • 25 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:35 AM IST

पाकिस्तान ने इस्लामाबाद समेत कई शहरों में भारी विरोध प्रदर्शन को लेकर बेसुरा राग अलापा है. पाकिस्तान सरकार ने अपनी नाकामी को छिपाने के लिए इस घटना के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है.

इस बीच बढ़ते विरोध को लेकर पाकिस्तान में राजधानी इस्लामाबाद की ओर जाने वाले एक प्रमुख राजमार्ग की घेराबंदी कर रहे कट्टरपंथी धार्मिक समूहों के प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिये सरकार की ओर से की गई कार्रवाई के बाद आज झड़पें शुरू हो गईं, जिसमें 200 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए.

Advertisement

इसके बाद हालात बिगड़ते देख पाकिस्तान सरकार ने सेना बुला ली है. गृह मंत्रालय ने इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने में नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सेना की तैनाती के लिए सांविधिक नियामक आदेश (एसआरओ) जारी किया है.

मंत्रालय ने कहा कि इस्लामाबाद में शांति कायम करने के वास्ते अनिश्चित काल के लिए सेना की तैनाती की जाएगी. संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत स्थिति नियंत्रण में करने को लेकर सेना की तैनाती की गई है. सुरक्षा स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच दूरभाष पर हुई बातचीत के बाद यह घटनाक्रम देखने को मिला है.

पाकिस्तान के गृहमंत्री अहसान इकबाल ने दावा किया कि पिछले दो सप्ताह से ज्यादा समय से इस्लामाबाद में प्रदर्शन कर रही कट्टरपंथी धार्मिक पार्टियों ने भारत से संपर्क किया था और सरकार इस बात की जांच कर रही है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया?

Advertisement

हालांकि पाकिस्तान के गृहमंत्री ने अपने दावे के बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया. पाकिस्तानी अखबार डॉन को दिए गए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की राष्ट्रीय राजधानी में जुटे सैकड़ों प्रदर्शनकारी साधारण लोग नहीं थे.

उन्होंने कहा, ‘‘हम देख सकते हैं कि उनके पास विभिन्न संसाधन हैं. उन्होंने सुरक्षा बलों पर आंसू गैस के गोले दागे हैं. उन्होंने अपने प्रदर्शन की निगरानी कर रहे कैमरों के फाइबर ऑप्टिक केबल भी काट दिए.’’

अहसान इकबाल ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने भारत से भी संपर्क किया था. पाकिस्तानी गृहमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने ऐसा क्यों किया, हम इसकी जांच कर रहे हैं. उनके पास अंदरूनी सूचना और संसाधन हैं, जिसका राज्य के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है.’’

तहरीक-ए-लाबैक या रसूल अल्ला और अन्य धार्मिक समूहों के तकरीबन 2,000 कार्यकर्ता इस्लामाबाद में छह नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं. वे खत्म-ए-नबुव्वत में बदलाव या चुनाव अधिनियम-2017 में पैगंबरी की शपथ को अंतिम रूप देने के लिए विधि मंत्री जाहिद हामिद का इस्तीफा मांग रहे हैं.

पाकिस्तानी गृहमंत्री ने कहा कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन फैजाबाद में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटा रहा था, जिसके बाद यह हिंसा हुई. उन्होंने कहा कि इस मामले में हम प्रशासन की कार्रवाई का पूरा समर्थन करते हैं. इस प्रदर्शन में कम से कम 175 लोग घायल हुए हैं.

Advertisement

पाकिस्तान में जारी विरोध प्रदर्शन के चलते प्राइवेट चैनलों के लाइव प्रसारण पर भी रोक लगा दी गई. इसका पाकिस्तानी चैनलों ने कड़ा विरोध किया है. सोशल मीडिया पर भी रोक लगाई गई है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement