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पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले दो वरिष्ठ जजों ने इस्तीफा दे दिया है. एक के बाद एक दो जजों के इस्तीफे से पाकिस्तान के न्याय सिस्टम में बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट है. जजों के इस्तीफे के ठोस कारणों का तो कुछ खुलासा सामने नहीं आया है लेकिन उनके इस्तीफे पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस्तीफा देने वालों में एक जज वो भी हैं जिनकी निगरानी में 2017 में नवाज शरीफ को पनामा पेपर केस में दोषी ठहराया गया था, जिससे उन्हें प्रधानमंत्री पद त्यागना पड़ा था.
जस्टिस इजाजुल अहसन इसी साल अक्टूबर में पाकिस्तान के अगले चीफ जस्टिस होने वाले थे लेकिन पहले ही उन्होंने अपना पद छोड़ दिया. जस्टिस मजहर अली अकबर नकवी ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जो कुछ शिकायतों को लेकर अदालती जांच का सामना कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट में उनके खिलाफ शिकायतों पर सुनवाई चल रही थी, जब उन्होंने अपना पद छोड़ने का ऐलान किया.
2017 के पनामा पेपर केस में नवाज पाए गए थे दोषी
जस्टिस अहसन उन पांच सदस्यीय बेंच का हिस्सा थे जिसने 2017 में हाई प्रोफाइल पनामा पेपर केस में नवाज शरीफ को दोषी पाया था और उन्हें अयोग्य ठहराया था. उन्हें इस फैसले का मॉनिटरिंग जज बनाया गया था. इस केस में दोषी पाए जाने के बाद नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसी फैसले के तहत पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को आजीवन पीएम बनने पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने नवाज शरीफ को एवेनफील्ड मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई थी. सज़ा उनकी बेटी मरियम नवाज़ और दामाद रिटायर्ड कैप्टन सफ़दर तक बढ़ा दी गई, जिन्हें 7 साल और 1 साल की कैद दी गई थी.
मरियम नवाज ने की 'जवाबदेह' ठहराने की मांग
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की सूचना सचिव मरियम औरंगजेब ने जस्टिस अहसन और जस्टिस नकवी के इस्तीफे पर सवाल उठाया है. उन्होंने पूछा, "क्या वे मानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट से इस्तीफा देने से वे अपने द्वारा किए गए अन्याय से मुक्त हो जाएंगे?" मरियम नवाज ने आरोप लगाया कि जस्टिस अहसन और जस्टिस नकवी ने पाकिस्तान के साथ "अन्याय" किया है. उन्होंने दोनों जजों को जवाबदेह ठहराने की मांग की. मरियम ने कहा कि अगर चुना हुआ प्रधानमंत्री जांच से गुजर सकता है तो जज सहित किसी भी शख्स को जवाबदेही का सामना करना उचित है.
जजों के इस्तीफे से किसका फायदा?
पाकिस्तान मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जस्टिस अहसन के अचानक इस्तीफे से अगले वरिष्ठ जज जस्टिस सैयद मंसूर अली शाह को फायदा होगा. अब जस्टिस अहसन की जगह पर 25 अक्टूबर 2024 को जस्टिस शाह पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बनेंगे. हालांकि, जस्टिस शाह अगले साल 3 अगस्त 2025 तक मुख्य न्यायधीश बनने वाले थे. जस्टिस शाह अब सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल के साथ-साथ बेंच बनाने के लिए जिम्मेदार तीन सदस्यीय कमेटी के भी सदस्य बन जाएंगे. बता दें कि, पाकिस्तान में अगले महीने 8 फरवरी को आम चुनाव के लिए मतदान होने हैं.