
अफगानिस्तान में जारी तालिबानी क्रूरता पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने तालिबान पर निशाना साधा है. बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में 'वुमेन इन इस्लाम' पर आयोजित एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बिलावल भुट्टो ने कहा कि चरमपंथियों ने महिलाओं के शिक्षा और काम के अधिकारों पर प्रतिबंध लगाकर इस्लाम धर्म की छवि को खराब किया है. उन्होंने कहा कि इस्लाम महिलाओं को जीवन के सभी क्षेत्रों में कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए प्रोत्साहित करता है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा, "पाकिस्तान और अन्य ओआईसी (इस्लामिक सहयोग संगठन) देश महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों विशेष रूप से शिक्षा और काम के अधिकारों पर लगाए गए प्रतिबंधों पर गहरी निराशा व्यक्त करता है. तालिबान का यह कदम इस्लाम के प्रतिबंधों के विपरीत है."
उन्होंने कहा, "मैं अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार से आग्रह करता हूं कि इन प्रतिबंधों को खत्म करे और अफगानिस्तान की महिलाओं को अपने देश के विकास और प्रगति में अपना पूर्ण और अमूल्य योगदान देने दें."
पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार 'डॉन' के मुताबिक, यूएन के इस सम्मेलन में बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के अलावा ओआईसी की मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष के रूप में संगठन के सभी सदस्य देशों के लिए भी बोल रहे थे. 57 सदस्य देशों का संगठन ओआईसी संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा अंतर सरकारी संगठन है.
पश्चिमी देशों पर साधा निशाना
पश्चिमी देशों पर निशाना साधते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि पश्चमी देशों की नजरों में मुस्लिम महिलाओं की छवि हमारे सांस्कृतिक, ऐतिहासिक मानदंडों और मुस्लिम समाज में महिलाओं द्वारा निभाई गई भूमिकाओं से परे है.
बिलावल भुट्टो ने ओआईसी परिषद के अध्यक्ष के रूप में बोलते हुए कहा, "9/11 की घटना के बाद उन चरमपंथियों ने हमारे धर्म की धारणा को बड़े पैमाने पर कब्जा कर लिया, जो हमारे विश्वास का प्रतिनिधित्व ही नहीं करते हैं. मैं इस प्रोपेगैंडा का मुकाबला करने के लिए एक विशेष जिम्मेदारी महसूस करता हूं.
एक मुस्लिम और पाकिस्तानी के रूप में मुझे यह अपमानित करता है कि पश्चिमी देश ओसामा बिन लादेन को इस्लाम का चेहरा मानते हैं, शहीद बेनजीर भुट्टो को नहीं."
बिलावल भुट्टो ने पश्चिमी देशों से इस्लामिक सिद्धांतों और पितृसत्तात्मक समाज की प्रथाओं के बीच अंतर समझने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इस्लाम विरोधी मानसिकता से ग्रसित लोगों को ये फर्क समझ नहीं आएगा क्योंकि वह भेदभाव में विश्वास करते हैं और भेदभाव अत्याचार का पहला कदम है. इस्लाम में महिला की एक स्वतंत्र, सामाजिक और कानूनी पहचान है. इस्लाम में महिलाएं राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों की हकदार हैं.
तालिबानी शासन में अफगानिस्तानी महिलाओं की स्थिति दयनीय
अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान की वापसी के बाद से ही महिलाओं की स्थिति दयनीय होती जा रही हैं. महिलाओं के अधिकारों पर नकेल कसते हुए तालिबान ने घरेलू और बाहरी एनजीओ में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. तालिबान ने आरोप लगाया है कि काम करने वाली महिलाएं इस्लामिक हेडस्कार्फ को सही तरीके से नहीं पहनती थीं. इसके अलावा, तालिबान ने सभी निजी और सरकारी विश्विद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है.