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पाकिस्तान को आज मिलेगा नया वजीर-ए-आजम, नेशनल असेंबली में मौजूद रहेंगे इमरान खान

पाकिस्तान में आज तक किसी भी प्रधानमंत्री ने 5 साल का अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है. इससे पहले भी जितने प्रधानमंत्री हुए हैं, उन्होंने समय से पहले सत्ता गंवाई है या फिर उन्हें हटाया गया है. शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद इमरान खान को भी सत्ता गंवानी पड़ी. आज दोपहर करीब 2 बजे नेशनल असेंबली में वोटिंग के बाद पाकिस्तान को नया प्रधानमंत्री मिल जाएगा.

शाहबाज शरीफ और इमरान खान. -फाइल फोटो शाहबाज शरीफ और इमरान खान. -फाइल फोटो
aajtak.in
  • इस्लामाबाद,
  • 11 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 6:20 AM IST
  • चीन-पाक संबंधों के लिए इमरान से बेहतर हैं शाहबाज: चीनी मीडिया
  • पाक का आजादी संग्राम फिर से शुरू: इमरान खान

पाकिस्तान को आज नया वजीर-ए-आजम यानी प्रधानमंत्री मिल जाएगा. नेशनल असेंबली में दोपहर करीब 2 बजे नया प्रधानमंत्री चुना जाएगा. संयुक्त विपक्ष की ओर से पीएमएल-एन के उम्मीदवार के रूप में शाहबाज शरीफ जबकि इमरान की पार्टी पीटीआई की ओर से शाह महमूद कुरैशी ने नामांकन दाखिल किया है. दोनों का नामांकन मंजूर कर लिया गया है. वहीं खबर है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भी सोमवार को नेशनल असेंबली जाएंगे. 

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पाक का आजादी संग्राम फिर से शुरू: इमरान खान

इमरान खान ने कहा कि विदेशी साजिश के कारण उनकी सरकार जाने के बाद एक बार फिर पाकिस्तान में स्वतंत्रता संग्राम शुरू हो गया है. अविश्वास प्रस्ताव के बाद पद गंवाने के बाद इमरान खान ने रविवार को अपनी पहली टिप्पणी में ये बातें कही. 

खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से बचने के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के प्रयासों के बावजूद संयुक्त विपक्ष ने महीने भर के प्रयासों के बाद आखिरकार बाहर कर दिया. 69 साल के इमरान देश के इतिहास में सदन का विश्वास खोने के बाद हटाए जाने वाले पहले प्रधानमंत्री बने.

इमरान खान ने अपने ट्वीट में कहा कि पाकिस्तान 1947 में एक स्वतंत्र देश बना, लेकिन सत्ता परिवर्तन के लिए विदेशी साजिश के खिलाफ आज से एक और स्वतंत्रता संग्राम शुरू होता है. इमरान दावा करते रहे हैं कि उनके खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के कारण विदेशी साजिश का परिणाम था. उन्होंने साजिश के पीछे अमेरिका का नाम लिया है. उनके इस आरोप का वाशिंगटन ने कई बार स्पष्ट रूप से खंडन किया है.

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चीनी मीडिया ने कहा- चीन-पाक संबंधों के लिए इमरान से बेहतर हैं शाहबाज

चीनी आधिकारिक मीडिया ने रविवार को कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए इमरान से बेहतर शाहबाज हैं. ग्लोबल टाइम्स में एक लेख में कहा गया है कि तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज के नेतृत्व में एक नई पाकिस्तान सरकार बनने की संभावना है. 

चीनी और पाकिस्तानी विश्लेषकों का मानना ​​​​है कि पाकिस्तान में आंतरिक राजनीतिक परिवर्तन से चीन-पाकिस्तान संबंध प्रभावित नहीं होंगे क्योंकि द्विपक्षीय संबंधों को सुरक्षित रखने और विकसित करने के लिए पाकिस्तान में सभी दलों और सभी समूहों की संयुक्त सहमति है.

कहा गया है कि खान का संभावित उत्तराधिकारी शरीफ परिवार से है, जो लंबे समय से चीन-पाकिस्तान संबंधों को बढ़ावा दे रहा है और दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए खान के मुकाबले शरीफ और भी बेहतर हो सकते हैं. 

पिछली नवाज शरीफ सरकार के तहत 60 अरब डॉलर का चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) बेहतर ढंग से आगे बढ़ा था. वहीं इमरान खान पहले सीपीईसी के आलोचक थे, हालांकि बाद में 2018 में पद संभालने के बाद वे इसके बड़े प्रशंसक बन गए.

इमरान से पहले ये भी नहीं पूरा कर पाए कार्यकाल

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लियाकत अली खान: पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री. अगस्त 1947 में पदभार ग्रहण किया. 16 अक्टूबर, 1951 को एक राजनीतिक रैली में उनकी हत्या कर दी गई. कार्यकाल चार साल और दो महीने.

ख्वाजा नजीमुद्दीन: 17 अक्टूबर 1951 को पदभार ग्रहण किया. 17 अप्रैल, 1953 को उन्हें गवर्नर जनरल ने बर्खास्त कर दिया था. कार्यकाल एक साल छह महीने.

मुहम्मद अली बोगरा: 17 अप्रैल, 1953 को पदभार ग्रहण किया. 11 अगस्त, 1955 को इस्तीफा दिया. कार्यकाल दो साल और तीन महीने.

चौधरी मोहम्मद अली: अगस्त 1955 में पदभार ग्रहण किया. गवर्निंग पार्टी में आंतरिक मतभेदों के कारण उन्हें 12 सितंबर, 1956 को हटा दिया गया. कार्यकाल एक वर्ष और एक महीना.

• हुसैन शहीद सुहरावर्दी: 12 सितंबर, 1956 को पदभार ग्रहण किया. 18 अक्टूबर, 1957 को अन्य सत्ता केंद्रों के साथ मतभेदों के बाद हटने के लिए मजबूर किया गया. कार्यकाल एक वर्ष और एक महीना.

इब्राहिम इस्माइल चुंदरीगर: अक्टूबर 1957 में पदभार ग्रहण किया. 16 दिसंबर, 1957 को इस्तीफा दे दिया, संसद में अविश्वास मत का सामना करना पड़ा. कार्यकाल दो महीने से कम.

मलिक फ़िरोज़ खान नून: 16 दिसंबर 1957 को पदभार ग्रहण किया. 7 अक्टूबर 1958 को पाकिस्तान में मार्शल लॉ लागू होने के कारण बर्खास्त कर दिया गया. कार्यकाल 10 महीने से कम.

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नूरुल अमीन: 7 दिसंबर, 1971 को पदभार ग्रहण किया. 20 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान से बांग्लादेश के अलग होने के तुरंत बाद पद छोड़ दिया. कार्यकाल दो सप्ताह से कम.

जुल्फिकार अली भुट्टो: 14 अगस्त, 1973 को पदभार ग्रहण किया. 5 जुलाई, 1977 को एक सैन्य तख्तापलट द्वारा उन्हें उखाड़ फेंका गया और जेल में डाल दिया गया. कार्यकाल तीन साल और 11 महीने.

मुहम्मद खान जुनेजो: मार्च 1985 में पदभार ग्रहण किया. उन्हें 29 मई, 1988 को सैन्य प्रमुख द्वारा बर्खास्त कर दिया गया, जो राष्ट्रपति भी थे. कार्यकाल तीन साल और दो महीने.

बेनजीर भुट्टो: प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की बेटी और मुस्लिम राष्ट्र की पहली महिला नेता. 2 दिसंबर 1988 को पदभार ग्रहण किया. उनकी सरकार को 6 अगस्त 1990 को भ्रष्टाचार के आरोप में दिवंगत सैन्य शासक के करीबी राष्ट्रपति द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था. कार्यकाल एक साल आठ महीने.

मियां मुहम्मद नवाज़ शरीफ़ ने 6 नवंबर, 1990 को पदभार ग्रहण किया. उनकी सरकार को भी राष्ट्रपति द्वारा 18 अप्रैल, 1993 को भुट्टो के समान आरोपों पर बर्खास्त कर दिया गया था. वह कुछ सप्ताह बाद अदालतों द्वारा फैसले को पलटकर वापस सत्ता में लौटे लेकिन सेना के साथ मतभेदों के बाद फिर से इस्तीफा दे दिया. कार्यकाल दो साल और सात महीने.

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बेनजीर भुट्टो: 19 अक्टूबर, 1993 में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में लौटीं. 5 नवंबर, 1996 को कुशासन के आरोप में एक बार फिर राष्ट्रपति द्वारा बर्खास्त कर दिया गया. कार्यकाल तीन साल से अधिक.

नवाज़ शरीफ़: 17 फरवरी, 1997 को दूसरी बार सत्ता में आए. 12 अक्टूबर, 1999 को पाकिस्तान के इतिहास में तीसरी बार सैन्य तख्तापलट हुआ. इसके बाद शरीफ को हटा दिया गया. कार्यकाल दो साल और आठ महीने.

मीर जफरुल्लाह खान जमाली: नवंबर 2002 में सैन्य शासन के दौरान प्रधानमंत्री चुने गए. उन्होंने 26 जून, 2004 को सेना के साथ मतभेदों के बाद इस्तीफा दे दिया. कार्यकाल एक वर्ष और सात महीने.

यूसुफ रज़ा गिलानी: 25 मार्च, 2008 को प्रधानमंत्री चुने गए. उन्हें 2012 में अदालत की अवमानना के आरोप में पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया गया था. कार्यकाल चार साल और एक महीना.

नवाज़ शरीफ़: 5 जून, 2013 को तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने गए. उन्हें 28 जुलाई, 2017 को संपत्ति छिपाने के आरोप में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बर्खास्त कर दिया था. कार्यकाल चार साल और दो महीने.

इमरान खान: 18 अगस्त, 2018 को प्रधान मंत्री के रूप में चुने गए. 10 अप्रैल, 2022 को विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से बाहर हो गए. कार्यकाल तीन साल और सात महीने.

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