
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्षी दलों का विरोध प्रदर्शन जोर पकड़ता नजर आ रहा है. सत्ता विरोधी दलों के गठबंधन ने रविवार को रैली में आए 10 हजार लोगों से अगले महीने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद कूच करने की अपील की. विपक्षी दलों की मांग है कि पाकिस्तान में फिर से चुनाव कराए जाएं और इमरान खान का कार्यकाल खत्म किया जाए.
विपक्ष का आरोप है कि 2018 के चुनाव में इमरान को प्रधानमंत्री की कुर्सी आर्मी की दखल के चलते मिली है. 11 विपक्षी दलों का गठबंधन, (पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट) सितंबर से अस्तित्व में आने के बाद से इमरान सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहा है. उनका आरोप है कि पाकिस्तान की राजनीति में आर्मी का दखल है.
दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे और विपक्ष के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान खान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बातचीत का समय खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा कि इमरान खान या फिर मिलिट्री से चुनावों की तारीखों के ऐलान के बाद ही बात होगी. हालांकि पाकिस्तान में अगले चुनाव 2023 में होने हैं. रैली में पाकिस्तान के पूर्व प्रधामनमंत्री नवाज शरीफ वीडियो लिंक के जरिए शामिल हुए. वह मेडिकल बेल पर हैं और लंदन में अपना इलाज करा रहे हैं.
नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने भी इमरान खान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उनके पिता नवाज शरीफ को झूठे आरोपों में फंसाया गया है. उन्होंने इमरान खान को अयोग्य और सेना के इशारे पर काम करने वाला प्रधानमंत्री बताया.
वहीं, रैली को लेकर इमरान खान ने कहा कि रैली का उद्देश्य उन्हें ब्लैकमेल करना है क्योंकि उन्होंने कई नेताओं को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल के अंदर भेज दिया है. उन्होंने रैली की आलोचना करते हुए कहा कि देश कोरोना वायरस महामारी के संकट से गुजर रहा है ऐसे में यह रैली नहीं होनी चाहिए.