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PAK: खतरे में इमरान खान की कुर्सी! 'अपनों' के साथ अब बिलावल भुट्टो ने दी धमकी

बिलावल भुट्टो ने कहा कि अगर नेशनल असेंबली के अध्यक्ष 21 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी रजामंदी नहीं देते हैं तो विपक्षी दल के नेता और समर्थक सड़कों पर जाम लगा देंगे और तय करेंगे कि सुरक्षा की स्थिति के कारण ओआईसी सम्मेलन न हो.

बिलावल भुट्टो जरदारी-इमरान खान बिलावल भुट्टो जरदारी-इमरान खान
हमजा आमिर
  • इस्लामाबाद,
  • 19 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:33 PM IST

पाकिस्तान की सियासत में उठा-पटक का दौर तेज हो गया है. इमरान सरकार के खिलाफ विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है. साथ ही उनकी पार्टी के भी कई नेताओं ने बगावती तेवर अपना लिया है. इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने कड़े शब्दों में साफ-साफ कहा है कि अगर 21 मार्च को संसद सत्र के दौरान अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की रजामंदी नहीं दी गई तो वो और पार्टी के अन्य नेता सदन से बाहर नहीं जाएंगे. इसके अलावा कोई  OIC ( Organization of Islamic Cooperation) सत्र भी नहीं होगा. 

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भुट्टो ने कहा कि अगर नेशनल असेंबली के अध्यक्ष 21 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव नहीं लेते हैं तो विपक्षी दल के नेता और समर्थक सड़कों पर जाम लगा देंगे और तय करेंगे कि सुरक्षा की स्थिति के कारण ओआईसी सम्मेलन न हो. वहीं,  सत्तारूढ़ PTI ने 14 असंतुष्ट सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. सांसदों को पीएम इमरान खान के सामने पेश होने के लिए सात दिन का समय दिया गया है. बता दें कि इमरान खान सरकार की सेना के साथ रिश्तों में भी दरार नजर आ रही है और 28 मार्च को इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का टेस्ट होगा.

इन्हें जारी किया है नोटिस

1- नूर आलम खान
2- डॉ मुहम्मद अफजल खान ढांडला
3- नवाब शेर
4- राजा रियाज अहमद
5- अहमद हुसैन देहर
6- राणा मुहम्मद कासिम नून
7- मुहम्मद अब्दुल गफ़र वट्टू
8- मखदूम ज़ादा सैयद बासित अहमद सुल्तान
9- आमिर तलाल गोपांग
10- ख्वाजा शेराज़ महमूद
11- सरदार रियाज महमूद खान मजारी
12- वजीहा कमर
13- नुज़हत पठान
14- रमेश कुमार वंकवानी

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फवाद खान बोले- 'पश्चाताप के द्वार खुले हैं'

इधर, सूचना मंत्री फवाद खान ने कहा कि सरकार कहीं नहीं जा रही है. इमरान खान के बिना पाकिस्तान में लोकतंत्र संभव नहीं है. हम अभी भी लोगों से वापस लौटने का अनुरोध करते हैं क्योंकि "पश्चाताप के द्वार खुले हैं." जो इमरान खान के पक्ष में वोट नहीं देना चाहते हैं, वो अपनी सीटों से इस्तीफा दे सकते हैं. ऐसे हालात में PM को ब्लैकमेल नहीं किया जाएगा.

बहुमत का आंकड़ा है 172 

PTI के सदन में 155 सदस्य हैं और सरकार की स्थिरता बने रहने के लिए कम से कम 172 सांसदों की जरूरत है. पार्टी को छह राजनीतिक दलों के 23 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है. वहीं विपक्षी दलों के 162 सांसद हैं. अगर इमरान के करीबी उनके खिलाफ जाते हैं तो इमरान का कुर्सी पर बने रहना संभव नहीं है. पाकिस्तान की संसद में 342 सांसद हैं.

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