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कश्मीर को 20 साल भूल जाने वाला था पाकिस्तान, शहबाज शरीफ ने खोला ये राज

पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे को 20 सालों तक ठंडे बस्ते में डालने की साजिश रची जा रही थी लेकिन कोई भी पाकिस्तानी ऐसा करने की सोच भी नहीं सकता. उन्होंने कहा कि कश्मीर और फिलिस्तीन के मुसलमानों की हालत एक जैसी हैं और यहां रहने वाले लोगों का कसूर बस एक है कि वो मुसलमान हैं.

पाकिस्तानी पीएम शरीफ ने भारत को परमाणु बम की धमकी दी है (Photo-Reuters) पाकिस्तानी पीएम शरीफ ने भारत को परमाणु बम की धमकी दी है (Photo-Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

खुद को डिफॉल्ट होने से बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के सामने गिड़गिड़ाते पाकिस्तान ने एक बार फिर से कश्मीर और कश्मीरियों का राग छेड़ा है. पाकिस्तान में पिछले कुछ समय से यह बातें चल रही हैं कि बैकचैनल कूटनीति के द्वारा कश्मीर मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालने की योजना बनाई गई थी. शहबाज शरीफ ने इस पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को 20 साल तक लटकाए रखने की साजिश रची गई थी. हालांकि, शहबाज शरीफ ने कहा कि कोई पाकिस्तानी ऐसी योजनाओं पर अमल करने की सोच भी नहीं सकता है.

'कश्मीर एकजुटता दिवस' के मौके पर रविवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर विधायिका के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा, 'कुछ क्षण पहले, कुछ लोगों ने मुझे स्पीकर के चैंबर में बताया कि अगले 20 सालों तक कश्मीर में जनमत संग्रह को टालने के लिए एक साजिश रची गई थी. कश्मीरियों के साथ इससे बड़ी कोई साजिश और क्रूरता नहीं हो सकती है. मुझे लगता है कि कोई भी पाकिस्तानी नेता या सैनिक ऐसा कुछ सोच भी नहीं सकता है.'

उन्होंने आगे कहा, 'अल्लाह ने मुद्दों को हल करने के लिए दूरदर्शिता रखने और परामर्श करने का आदेश दिया है और यदि हम इस मार्ग को अपनाते हैं और उन पर भरोसा रखते हुए अपने सभी संसाधनों को इस काम में लगाते हैं, तो हम कश्मीरियों को उनका अधिकार दिला सकते हैं.'

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पाकिस्तान के अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम के भाषण के दौरान कश्मीर की असेंबली हॉल के अंदर, पीओके के प्रधानमंत्री सरदार तन्वीर इलियास, विपक्ष के नेता चौधरी लतीफ अकबर, पीएमएल-एन के अध्यक्ष शाह गुलाम कादिर, पीपीपी अध्यक्ष चौधरी यासीन, जेकेपीपी प्रमुख सरदार हसन इब्राहिम आदि प्रमुख नेता मौजूद थे. इस दौरान नेताओं ने कश्मीर मुद्दे पर कई सुझाव दिए.

प्रधानमंत्री शरीफ ने सभी दलों से कश्मीरी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि सरकार ने क्षेत्र में एकता, सहमति और एकजुटता को बनाए रखा है. यह भारत सरकार और अन्य दुश्मनों को एक परेशान करने वाला संदेश भेजेगा. अगर यही मंशा देश के बाकी हिस्सों में भी हो जाए तो कोई भी समस्या लंबे समय तक अनसुलझी नहीं रहेगी.

धारा 370 को कश्मीर से हटाए जाने को लेकर उन्होंने कहा, '5 अगस्त 2019 को, नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के विशेष दर्जे को छीन लिया और पूरे क्षेत्र को जेल में बदल दिया. लेकिन यह अत्याचार ज्यादा दिन नहीं चलेगा. कश्मीरियों ने बहादुरी से कश्मीर के लिए जो बलिदान दिया है, उसका फल मिलना तय है.'

शरीफ ने कहा कि आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता हासिल करना पाकिस्तान के लिए बेहद जरूरी है ताकि वो कश्मीरियों के हक में आवाज उठा सके.

इमरान सरकार के समय हुई थी कश्मीर मुद्दे को 20 सालों के लिए स्थगित करने की बात

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पाकिस्तान के जनरल कमर जावेद बाजवा जब पिछले साल रिटायर हुए तब उनके कार्यकाल के दौरान की कई बड़ी बातें सामने आईं. यह बात भी सामने आई कि अपने कार्यकाल के दौरान बाजवा ने भारत से बेकचैनल कूटनीति को बढ़ावा दिया था. बेकचैनल कूटनीति का ही प्रयास था कि तत्कालीन इमरान खान सरकार भारत से अपने रिश्तों को ठीक करने की कोशिश में थी.

कहा गया कि इमरान कश्मीर मसले को 20 साल के लिए ठंडे बस्ते में डालकर भारत से बातचीत आगे बढ़ाना चाहते थे. लेकिन उनके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इमरान को ऐसा न करने की चेतावनी दी. कुरैशी ने इमरान को समझाया कि कश्मीर को लेकर ऐसा कोई भी कदम उठाना, कश्मीर का सौदा करने जैसा है. इसके बाद इमरान खान ने अपने पांव पीछे खींच लिए थे और भारत के साथ बातचीत की गुंजाइश भी खत्म हो गई थी.

फिलिस्तीन और कश्मीर की कर दी तुलना

पीएम शरीफ ने दुनिया के विवादित क्षेत्रों का हवाला देते हुए कहा कि विश्व के बड़े देशों ने धर्म के आधार पर पूर्वी तिमोर और दक्षिण सूडान को इंडोनेशिया और सूडान से अलग करने के लिए जनमत संग्रह की सुविधा दी थी. पाकिस्तानी पीएम ने विश्व शक्तियों पर निशाना साधते हुए कहा कि बोस्निया के मामले में यह 'सभ्य दुनिया' तब तक हरकत में नहीं आई जब तक कि हजारों बोस्नियाई मुसलमानों को मार नहीं डाला गया और उन्हें सामूहिक कब्रों में फेंक दिया गया.

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उन्होंने आगे कहा कि फिलिस्तीन के मुसलमान जिस तरह का उत्पीड़न झेल रहे हैं, भारत के कश्मीरियों के साथ भी वही हो रहा है क्योंकि उनका एकमात्र कसूर मुस्लिम होना है. शरीफ ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की सरकारों ने दिल से कश्मीरियों के मुद्दों की वकालत की है क्योंकि कश्मीर पाकिस्तान की गले की नस है.

प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जिक्र 

शरीफ ने अपने भाषण के दौरान भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि वो कश्मीर में जनमत जनमत संग्रह को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाते थे लेकिन भारतीयों ने सभी मंचों पर झूठ और टाल-मटोल करके पूरी दुनिया को धोखा दिया है.

शरीफ इस दौरान भारत को परमाणु शक्ति की गीदड़ भभकी देने से बाज नहीं आए और उन्होंने कहा कि परमाणु-सशस्त्र पाकिस्तान पर बुरी नजर डालने वालों को करारा जवाब मिलेगा. 

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