
पाकिस्तान में ऊपरी सदन सीनेट की 37 सीटों के लिए हुए चुनाव के नतीजे आ गए हैं. चुनाव नतीजों में सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) दूसरे नंबर पर रही है. सीनेट चुनाव में पाकिस्तान की सबसे हॉट सीट इस्लामाबाद से पीटीआई के उम्मीदवार रहे प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉक्टर अब्दुल हफीज शेख को शिकस्त खानी पड़ी है.
इमरान के कैबिनेट मंत्री डॉक्टर शेख को पीपीपी के टिकट पर चुनाव लड़े पूर्व प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने हरा दिया. गिलानी ने शेख को पांच वोट के करीबी अंतर से मात दी. गिलानी को 169 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी अब्दुल हफीज शेख को 164 वोट मिले. सात मत निर्वाचन अधिकारियों ने अवैध घोषित कर दिया. इस्लामाबाद में सीनेटर चुनने के लिए हुए मतदान में कुल 340 वोट पड़े थे.
इस्लामाबाद सीट पर डॉक्टर शेख की हार को प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है. इमरान खान ने खुद भी डॉक्टर शेख के लिए चुनाव प्रचार किया था. चुनाव नतीजों से गदगद पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्वीट किया है. अपने ट्वीट में बिलावल ने कहा है कि लोकतंत्र सबसे अच्छा बदला है. जेया भुट्टो. वहीं, दूसरी तरफ इमरान सरकार के एक प्रवक्ता शहबाज गिल ने कहा है कि विपक्षी उम्मीदवार पांच वोट के अंतर से जीता है जबकि सात वोट अवैध घोषित कर दिए गए.
समाचार एजेंसियों के मुताबिक गिल ने गिलानी के निर्वाचन को चुनौती देने का ऐलान किया है. इसके अलावा इमरान सरकार ने विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की संभावनाओं को देखकर खुद ही विश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान भी कर दिया है. इमरान सरकार में मंत्री एसएम कुरैशी ने सदन में विश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है. वहीं, पीटीआई के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा गया है कि कप्तान फिर कप्तान है.
पीटीआई ने ट्वीट कर कहा है कि पीएम इमरान खान ने संसद में विश्वास मत प्राप्त करने का निर्णय लिया है. वे अपने पूरे जीवन में फ्रंट फुट पर खेले. आज कुछ अलग नहीं हो रहा. गौरतलब है कि इस्लामाबाद सीट से हारे पीटीआई उम्मीदवार डॉक्टर अब्दुल हफीज शेख 2008 से 2012 तक भी सीनेट के सदस्य रहे थे. तब वे युसुफ रजा गिलानी की सरकार में भी मंत्री रहे थे.