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होली पर PAK पीएम का 'शरीफ' संदेश- इस्लाम में जबरन धर्मांतरण गुनाह

नवाज शरीफ का कहना था कि बतौर प्रधानमंत्री सभी धर्मों के लोगों की सेवा करना उनका फर्ज है. उन्होंने कहा- 'अल्लाह किसी शासक से ये नहीं पूछेगा कि उसने किसी एक मजहब के लोगों के लिए क्या किया? वो मुझ जैसे लोगों से पूछेगा कि उसकी कायनात को हमने कैसे बेहतर बनाया?'

इस्लाम में जबरन धर्मांतरण गुनाह- नवाज शरीफ इस्लाम में जबरन धर्मांतरण गुनाह- नवाज शरीफ
लव रघुवंशी
  • इस्लामाबाद,
  • 14 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 12:25 AM IST

कट्टरपंथ से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने होली पर भाईचारे का संदेश दिया है. कराची में होली के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में शरीफ ने अपने संबोधन की शुरुआत 'हैप्पी होली' कहकर की.

'अल्लाह को देना होगा जवाब'
नवाज शरीफ का कहना था कि बतौर प्रधानमंत्री सभी धर्मों के लोगों की सेवा करना उनका फर्ज है. उन्होंने कहा- 'अल्लाह किसी शासक से ये नहीं पूछेगा कि उसने किसी एक मजहब के लोगों के लिए क्या किया? वो मुझ जैसे लोगों से पूछेगा कि उसकी कायनात को हमने कैसे बेहतर बनाया?'

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'जबरन धर्मांतरण इस्लाम में अपराध'
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है. खासकर उन्हे जबर्दस्ती इस्लाम में शामिल करने को लेकर पूरी दुनिया में आवाज उठती रही है. लेकिन नवाज शरीफ का कहना था कि पाकिस्तान इसलिए नहीं बनाया गया था कि एक धर्म बाकी दूसरे धर्मों पर हावी हो. उनके मुताबिक धर्म किसी से भी जबर्दस्ती नहीं करता और इस्लाम में जबरन धर्मांतरण अपराध है.

'मैं पैगंबर का सिपाही'
नवाज शरीफ के मुताबिक, 'कुछ लोग पगड़ी पहनते हैं, कुछ चोगा धारण करते हैं, कुछ सूट और टाई पहनना पसंद करते हैं जबकि कुछ लोग सलवार कमीज पहनते हैं. लेकिन ये सभी अल्लाह के बंदे हैं. मजहब की आजादी ऊपरवाले ने दी है. हम इसे छीनने वाले कोई नहीं होते.' खुद को पैगंबर मोहम्मद का अदना सिपाही बताते हुए नवाज शरीफ ने कहा कि किसी भी धर्म के इंसान के साथ हो रही नाइंसाफी के खिलाफ खड़े होने उनका कर्तव्य है.

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