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पाकिस्तान और अफगानिस्तान क्यों नहीं हो पा रहे पोलियो-मुक्त? ये है वजह

बुधवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मरदान जिले में मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात बंदूकधारियों ने दो पुलिस अधिकारियों की गोली मार कर हत्या कर दी. ये दोनों पुलिस अधिकारी पोलियो वैक्सीनेशन की टीम को सुरक्षा देने के लिए उसके साथ गए थे.

पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो का खतरा बरकरार ( सांकेतिक फोटो) पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो का खतरा बरकरार ( सांकेतिक फोटो)
खुशदीप सहगल
  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2021,
  • अपडेटेड 11:47 PM IST
  • पाकिस्तान-अफगानिस्तान में पोलिया का खतरा
  • पोलियो टीम पर लगाता हो रहे हमले

अब दुनिया में सिर्फ पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही दो ऐसे देश हैं जो पोलियो-मुक्त नहीं हो सके हैं. पोलियो के केस अभी भी पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के आसपास के इलाके से रिपोर्ट हो रहे हैं. एक तरफ ऐसी स्थिति है तो वहीं इस क्षेत्र में बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने के लिए जो टीमें और सुरक्षाकर्मी जाते हैं उन पर लगातार हमले किए जा रहे हैं.  

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पोलियो वैक्सीनेशन टीमों और सुरक्षाकर्मियों पर हमले 

बुधवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मरदान जिले में मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात बंदूकधारियों ने दो पुलिस अधिकारियों की गोली मार कर हत्या कर दी. ये दोनों पुलिस अधिकारी पोलियो वैक्सीनेशन की टीम को सुरक्षा देने के लिए उसके साथ गए थे. जब वो पुलिस स्टेशन से लौट रहे थे तो उन पर हमला किया गया. पोलियो वैक्सीनेशन टीम के सदस्य सुरक्षित रहे. इससे पहले जनवरी में भी खैबर पख्तूनख्वा के कराक कस्बे में इसी तरह की घटना में एक पुलिसकर्मी की अज्ञात हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. तब एक वैन पर हमला किया गया था, जिसमें पोलियो वैक्सीनेशन टीम के साथ ये पुलिसकर्मी सवार था.  

इसी साल मार्च में अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर में अज्ञात हमलावरों ने पोलियो वैक्सीनेशन टीम पर गोलियां चलाई थीं, जिससे टीम की तीन महिला सदस्यों की मौत हो गई थी.  

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2026 तक दुनिया को पोलियो मुक्त करने के लिए 5.1 अरब डॉलर का प्लान 

बता दें कि बुधवार को ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्लोबल पोलियो इरेडिकेशन इनीशिएटिव के तहत दुनिया से 2026 तक पोलियो को पूरी तरह खत्म करने के लिए 5.1 अरब डॉलर के प्लान की घोषणा की गई. इसमें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत राष्ट्रीय सरकारें और हेल्थ ग्रुप्स मिल कर काम करेंगे.  

ऐसा देखा जा रहा है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में जब भी पोलियो उन्मूलन के लिए बच्चों को खुराक पिलाने का कोई बड़ा अभियान छेड़ा जाता है तो कहीं न कहीं पोलियो वैक्सीनेशन टीम को निशाना बनाया जाता है. बुधवार को पाकिस्तान के मरदान जिले में दो पुलिस अधिकारियों की हत्या हुई, इससे पहले सोमवार को ही पांच दिवसीय पोलियो वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुआ था.  

जनवरी में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के कराक कस्बे और मार्च में अफगानिस्तान के जलालाबाद में जो हमले हुए, उस वक्त भी ऐसे ही अभियान जारी थे.  

क्या वजह है हमलों की? 

पाकिस्तान और अफगानिस्तान मे पोलियो टीम और उन्हें सुरक्षा देने वाली टीमों पर लगातार हमले चिंता का विषय है. दरअसल इसके पीछे अफवाहों का बड़ा हाथ है. लोगों को बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने से दूर रखने के लिए पोलियो उन्मूलन अभियान को पश्चिमी जगत की साजिश बताया जाता है. भ्रांति फैलाई जाती हैं कि इससे बच्चे नपुंसक हो जाएंगे या उनके शरीर में विकार आ जाएंगे. 

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इस तरह के हमलों की घटनाएं तब से ज्यादा बढ़ गईं जब ये खुलासा हुआ था कि अमेरिकी CIA ने अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में मारने से पहले क्षेत्र में फर्जी हेपेटाइटिस वैक्सीनेशन अभियान का सहारा लिया था. 2012 के बाद से इस तरह के हमलों में 105 लोग मारे जा चुके हैं. मृतकों में वैक्सीनेशन टीम के सदस्य और सुरक्षाकर्मी दोनों शामिल हैं. 

बता दें कि सोमवार को ही पाकिस्तान में पोलियो को इस साल के अंत तक खत्म करने के लिए अभियान छेड़ा गया. इसके तहत 5 साल की उम्र से नीचे के करीब चार करोड़ बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जानी है. इस काम में करीब पौने तीन लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स जुटे हैं.  हाल फिलहाल में खैबर पख्तूनख्वा से पोलियो के 22 केस सामने आए हैं, जिनमें से 15 अकेले कराक से ही थे.   

पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही दुनिया में ऐसे दो देश हैं जहां पोलियो के केस अब भी मौजूद हैं. नाइजीरिया को पिछले साल जून में पोलियो मुक्त घोषित किया जा चुका है. पाकिस्तान में पहले पोलियो के केस घटने शुरू हुए थे लेकिन अकेले 2019 में 147 केस सामने आ गए. बता दें कि पाकिस्तान में पोलिया उन्मूलन के लिए टीकाकरण अभियान 1994 से ही जारी है. 

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जहां तक अफगानिस्तान का सवाल है वहां 34 में से 32 प्रांतों में 5 साल की उम्र से नीचे के 96 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जानी है. इस काम में 50 हजार से ज्यादा हेल्थवर्कर्स की मदद ली जा रही है. 2018 के बाद से अफगानिस्तान में वैक्सीनेशन अभियान में करीब 30 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक नहीं पिलाई जा सकी. इसकी वजह तालिबान की ओर से अपने कब्जे वाले क्षेत्रों में घर घर जाकर बच्चों को पोलियो खुराक पिलाने पर बैन लगा दिया गया था. 2019 और 2020 में इसी क्षेत्र से पोलियो के नए केस अधिकतर सामने आए.  

जहां तक पाकिस्तान का सवाल है तो देश के पश्तो भाषी समुदाय अफगानिस्तान सीमा से सटे क्षेत्रों में रहते हैं. इनकी आबादी पाकिस्तान की आबादी का कुल 15 फीसदी है लेकिन वाइल्ड पोलियो केसों में इनकी हिस्सेदारी 80 फीसदी है.  

बता दें कि पूरी दुनिया में पिछले साल 1,226 केस पोलियो के केस रिपोर्ट हुए थे, जबकि इससे पहले 2018 में 138 केस ही सामने आए थे.  

पोलियो उन्मूलन अभियान में कोविड-19 महामारी की दस्तक के बाद बाधा आई है. पिछले साल 30 देशों में पोलियो टीकाकरण अभियान को इस वजह से स्थगित करना पड़ा. इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी चिंता जता चुका है. भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 27 मार्च 2014 को पोलियो-मुक्त होने का सर्टिफिकेशन दिया था. इसके पहले तीन साल तक भारत में पोलियो का एक भी केस रिपोर्ट नहीं हुआ था.    

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