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पाकिस्तान: 5 दिन के दौरे पर चीन जा रहे राष्ट्रपति जरदारी, जानिए किन मुद्दों पर होगी चर्चा

राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है, जब पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से जिंदा करना चाहता है और सीपीईसी के जरिए क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करना चाहता है.

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी (तस्वीर: AP/फाइल) पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी (तस्वीर: AP/फाइल)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 5:16 AM IST

पाकिस्तान (Pakistan) के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी आज पांच दिवसीय राजकीय यात्रा पर चीन जाएंगे. इस दौरान वे चीनी नेताओं के साथ द्विपक्षीय संबंधों के पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जिसमें आर्थिक और व्यापार सहयोग, सुरक्षा सहयोग और मल्टी-बिलियन डॉलर के आर्थिक गलियारे (CPEC) पर जोर दिया जाएगा.

विदेश विभाग ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति जरदारी, चीन के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ली कियांग और अन्य सीनियर अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग करेंगे.

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किन मुद्दों पर होगी चर्चा?

रेडियो पाकिस्तान ने विदेश कार्यालय के हवाले से कहा, "राष्ट्रपति जरदारी की चर्चा पाकिस्तान-चीन संबंधों के पूरे दायरे को शामिल करेगी, जिसमें आर्थिक और व्यापार सहयोग, आतंकवाद विरोधी और सुरक्षा सहयोग, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) और भविष्य की कनेक्टिविटी पहलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा."

इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष क्षेत्रीय और ग्लोबल जियोपॉलिटिकल डेवलपमेंट्स और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग पर भी बातचीत करेंगे.

CPEC पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को चीन के झिंजियांग प्रांत से जोड़ता है, चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की प्रमुख परियोजना है. बीआरआई को चीन द्वारा दुनिया भर में चीनी निवेश द्वारा वित्तपोषित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के जरिए विदेशों में अपने प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश के तौर पर देखा जाता है.

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विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति जरदारी की यह यात्रा पाकिस्तान और चीन के बीच हाई लेवल की बातचीत की परंपरा को रेखांकित करती है, जो दोनों देशों की अपनी हर मौसम की रणनीतिक सहकारी साझेदारी को मजबूत करने की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

जरदारी की यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है, जब पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से जिंदा करना चाहता है और सीपीईसी के जरिए क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करना चाहता है.

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