
सोमवार शाम को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जब देश को संबोधित कर रहे थे तो थकान उनके चेहरे पर साफ दिख रही थी. हताश इमरान अपने देश की जनता को भरोसा दे रहे थे कि वे कश्मीर की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ते रहेंगे, लेकिन इमरान के दावे में सच्चाई का लेशमात्र पुट भी नहीं था. कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार मात खा रहा है.
पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियां भी इमरान खान पर आक्रामक हो रही हैं. चीन के आंशिक समर्थन को छोड़ दें तो दुनिया की कोई भी बड़ी ताकत कश्मीर पर पाकिस्तान के तर्क से सहमत नहीं दिख रही है. इधर इमरान खान के बरक्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़ी मजबूती से दुनिया के सामने कश्मीर पर भारत का पक्ष रख रहे हैं और विश्व नेताओं को ये समझाने में कामयाब रहे हैं कि कश्मीर का मुद्दा भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है और इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की दखलंदाजी भारत को स्वीकार्य नहीं है.
सोमवार को फ्रांस के बिआरिट्ज में जब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रतिनिधि, विश्व के सबसे ताकतवर लोकतंत्र के मुखिया के साथ मजाक के मूड में थे तो इससे निकला संदेश इस्लामाबाद से लेकर रावलपिंडी तक जा रहा था. पीएम मोदी का कूटनीतिक स्ट्रोक पाकिस्तान में इमरान की सरदर्दी बढ़ाने के लिए काफी था.
इमरान खान ने खुद स्वीकार किया कि उन्होंने अखबारों में पढ़ा है कि पाकिस्तान के लोग निराश हैं क्योंकि दुनिया के मुस्लिम देश पाकिस्तान के साथ खड़े नहीं हो रहे हैं. इमरान ने कहा कि निराश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि अगर कुछ देश अपने आर्थिक हितों के कारण इस मुद्दे को नहीं उठा रहे हैं, तो वे समय के साथ इस मुद्दे को जरूर उठाएंगे.
इमरान भले ही अपने देश की जनता को झूठा दिलासा दे रहे हों, लेकिन कश्मीर पर पाकिस्तान का अतार्किक पक्ष कोई भी देश सुनने को तैयार नहीं है. इस्लामाबाद के लिए सबसे बड़ा झटका खाड़ी देशों और इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी का रवैया रहा है, जिन्होंने इस मामले में शामिल होने से इनकार कर दिया है. UAE जैसे देशों ने कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने को भारत का आंतरिक मामला बताया है.
पाकिस्तान का विपक्ष इमरान खान को बिल्ली की संज्ञा दे रहा है. सोमवार को इमरान द्वारा मुल्क के संबोधन के बाद पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ने इमरान को जलील करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने कहा, "अगर इमरान को पता था कि ऐसा होने वाला है तो उन्होंने हमें क्यों नहीं बताया, मुल्क को क्यों नहीं बताया...जब यहां विपक्ष से लड़ना पड़ता है तो शेर बन जाता है...मोदी के खिलाफ तो चूं ही नहीं कर सकता, बिल्ली बन जाता है." बिलावल ने कहा कि इमरान ने सौदेबाजी की है.
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पाकिस्तान के नेता और पाकिस्तान के शक्तिशाली मौलवी मौलाना फजलुर रहमान ने इमरान खान पर लानतों की बरसात कर दी है. इस मौलाना ने कहा कि इमरान सरकार ने कश्मीर को बेच दिया है. पहले तो हम सोचते थे कि कश्मीर कैसे हासिल करेंगे, लेकिन हमें चिंता है कि हम मुजफ्फराबाद कैसे बचाएंगे. फजलुर रहमान ने कहा कि ये सरकार रोज-रोज नए झूठ गढ़ रही है और मीडिया में प्रोपेगैंडा रच रही है.
नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के नेता एहसान इकबाल ने कहा है कि पूरे मामले में इमरान खान के रोल की जांच होनी चाहिए, इसके लिए एक संसदीय समिति का गठन किया जाना चाहिए. एहसान इकबाल ने कहा कि कश्मीर पर अपनी इज्जत बचाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने सौदा किया है. पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार भी इमरान खान पर भड़की हैं. पाकिस्तानी संसद में हिना रब्बानी ने कहा कि इमरान खान देश को शर्मिंदा कर रहे हैं. इमरान को उन्होंने अनाड़ी तक करार दिया है. हिना ने कहा कि जब इस देश का वोट आपको मिला है तो उसे शर्मिंदा मत कीजिए. इमरान पर सवालों की बौछार करते हुए हिना ने कहा कि क्या आप ये उम्मीद नहीं करते हैं कि लोग आपकी इज्जत करें? आपका क्या काम है? क्या आप एक संप्रभु मुल्क के वजीर-ए-आजम नहीं हैं?
राजनीतिक दल ही नहीं पाकिस्तान की सिविल सोसायटी और पत्रकार बिरादरी में भी इमरान अलोकप्रिय होते जा रहे हैं. पत्रकार और इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान ने कहा है कि इमरान खान में फैसले लेने की क्षमता नहीं है और वे भारत के पीएम को खुश करना चाहते हैं. रेहम ने कहा कि कश्मीर का सौदा किया गया है.