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तोशाखाना घोटाले में कैसे फंस गए इमरान खान? राजनीतिक करियर पर भी लग गया ग्रहण

पाकिस्तान में तोशाखाना घोटाले ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के राजनीतिक जीवन पर ग्रहण लगा दिया है. इमरान अगले पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. ट्रायल कोर्ट के फैसले के बाद इमरान की गिरफ्तारी भी हो गई है. 2022 में सरकार गिरने के बाद इसी तोशाखाना मामले में उनकी संसद की सदस्यता भी चली गई थी. चुनाव आयोग ने इमरान की दलीलों से संतुष्ट नहीं होने पर सदस्यता रद्द कर दी थी.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान. (फाइल फोटो) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में दोषी पाया गया है. इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने इमरान को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई है और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का दावा है कि इमरान को लाहौर में उनके जमान पार्क आवास से गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें लाहौर से इस्लामाबाद भेजा गया. इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने इमरान के पांच साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है. पाकिस्तान में चर्चित हो चुका तोशाखाना मामला क्या है. आइए जानते हैं...

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70 वर्षीय इमरान क्रिकेटर रहे हैं. बाद में वो राजनीति में आए और प्रधानमंत्री बने. इमरान पर 2018 में सत्ता में रहने के दौरान महंगे सरकारी उपहार बेचने से लाभ कमाने का आरोप साबित हुआ है. इससे पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे की कार्यवाही के खिलाफ इमरान खान की याचिका को खारिज कर दिया था. पीटीआई महासचिव उमर अयूब खान ने कहा, इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया है. शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हर पाकिस्तानी का संवैधानिक अधिकार है.

इमरान पर एक लाख रुपए का जुर्माना

पाकिस्तानी अखबार द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद स्थित जिला और सत्र न्यायाधीश के अतिरिक्त न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने इमरान खान पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. साथ ही कहा कि जुर्माना नहीं देने पर उन्हें अगले छह महीने तक जेल में रखा जाएगा. 

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इमरान पर आरोप साबित हुए

एडीएसजे हुमायूं दिलावर ने फैसला सुनाया कि मामले में पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप साबित हुए हैं. इमरान खान ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग को फर्जी विवरण प्रस्तुत किए और उन्हें भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया गया है. एक दिन पहले ही इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) ने इमरान खान की तोशखाना मामले में याचिका को खारिज कर दिया था.

क्या है तोशाखाना मामला?

- इमरान पर अपने कार्यकाल 2018 से 2022 के बीच पद का दुरपयोग करने का आरोप है. उन पर विदेश यात्राओं के दौरान मिले सरकारी उपहार को सस्ते दामों में खरीदने और भारी मुनाफे में बेचने का आरोप लगा था. इन उपहारों की कीमत 140 मिलियन रुपये (635,000 अमेरिकी डॉलर) से ज्यादा थी. 
- इमरान खान ने कहा था, एक देश के राष्ट्रपति ने मेरे घर पर एक गिफ्ट भिजवाया था, जो मैंने तोशाखाना में जमा करा दिया. मैंने ये गिफ्ट उनकी मूल लागत से 50 फीसदी की दर पर खरीदे हैं. इमरान खान को उनके साढ़े तीन साल के प्रधानमंत्री पद के कार्यकाल के दौरान दुनियाभर के कई नेताओं से 14 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत के 58 गिफ्ट मिले थे. उन्होंने आयकर रिटर्न में इन गिफ्ट्स की बिक्री का ब्योरा पेश नहीं किया था.
-  ट्रायल कोर्ट ने यह आरोप सही पाए और इमरान को दोषी ठहराया. उसके बाद शनिवार को सजा का ऐलान किया.

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- पिछले साल पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने इसी मामले में इमरान को अयोग्य घोषित कर दिया था. ईसीपी ने 21 अक्टूबर 2022 को इमरान को तोशाखाना मामले में झूठे बयान और गलत घोषणा करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था.
- चुनाव आयोग ने इमरान पर पांच साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध भी लगा दिया था. हालांकि बाद में हाई कोर्ट ने आयोग के इस फैसले को पलट दिया था. 
- हाई कोर्ट ने कहा था- इमरान खान चुनाव के लिए अयोग्य नहीं हैं. सभी के लिए एक मानक होना चाहिए. इस मामले में जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है.
- पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है, जहां अन्य सरकारों के प्रमुखों, विदेशी हस्तियों द्वारा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है. इन उपहारों को संग्रहित और लेखा-जोखा रहता है.

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इमरान खान कैसे फंसे? 

- इमरान को पीएम के तौर पर यूरोप और खासकर अरब देशों की यात्रा के दौरान बहुत से कीमती तोहफे मिले थे. इमरान ने बहुत से तोहफों की तो जानकारी ही नहीं दी, जबकि कई तोहफों को कम कीमत में खरीद लिया और बाहर जाकर बड़ी कीमत पर बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बाकायदा अनुमति भी दी थी.
- इमरान ने चुनाव आयोग को बताया था कि राज्य के खजाने से इन गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा गया था और इन्हें बेचकर उन्हें करीब 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. इन गिफ्ट्स में एक Graff घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां सहित कई अन्य उपहार भी थे.

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- दुबई के एक कारोबारी ने दावा किया था कि उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोहफे में मिली एक बेशकीमती घड़ी 20 लाख डॉलर में खरीदी. यह घड़ी सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इमरान खान को दी थी. दुबई के इस कारोबारी का नाम उमर फारूक जहूर है. 
- उमर का दावा था कि इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी की एक करीबी फराह खान से उनकी दुबई में मुलाकात हुई थी, जिसके बाद उन्होंने यह घड़ी खरीदी. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, पीटीआई सरकार 40 से 50 लाख डॉलर में यह घड़ी बेचना चाहती थी. लेकिन बातचीत के बाद मैंने यह घड़ी 20 लाख डॉलर में खरीद ली. 
- उमर ने बताया कि फराह खान के कहने पर ही नगद पैसा दिया गया. पाकिस्तान में 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को अपने आधिकारिक विदेशी दौरों के दौरान अमीर अरब मुल्कों से महंगे तोहफे मिले थे, जिन्हें तोशाखाना में जमा करा दिया गया था. उमर ने बाद में इन्हीं तोहफों में से एक महंगी घड़ी कम दाम पर खरीद ली.

मेरी मर्जी, गिफ्ट का क्या करें: इमरान

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जियो न्यूज की मानें तो इमरान ने एक बार कहा था कि ये उनके गिफ्ट हैं, जो उन्हें निजी तौर पर दिए गए हैं. इसलिए इन पर उनका अधिकार है. खान ने कहा था कि यह उनकी मर्जी है कि वह इन गिफ्ट को अपने पास रखें या नहीं. हालांकि, तोशाखाना विवाद पर इमरान का कहना है कि तोशाखाना से गिफ्ट बेचने के विपक्षी दलों के आरोप आधारहीन हैं क्योंकि उन्होंने तोशाखाना से जो कुछ भी खरीदा है, वह रिकॉर्ड में है.

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इमरान की मई में गिरफ्तारी से हुई थी हिंसा

- इस साल मई में इमरान को भ्रष्टाचार के एक मामले में पाकिस्तानी अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था, जिससे पूरे देश में घातक अशांति फैल गई थी. कुछ ही दिन बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
- पाकिस्तान में 9 मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में अर्धसैनिक रेंजर्स ने इमरान खान की गिरफ्तारी की थी, जिसके बाद बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए. 
- दंगों के दौरान रावलपिंडी में सैन्य मुख्यालय समेत दर्जनों सैन्य प्रतिष्ठान और सरकारी इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं या आग लगा दी गई. पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के 100 से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था.
- इमरान पर देशभर में 140 से ज्यादा मामले चल रहे हैं. उन पर आतंकवाद, हिंसा, ईशनिंदा, भ्रष्टाचार और हत्या जैसे आरोप हैं. इमरान को पिछले साल अप्रैल 2022 में अविश्वास मत हारने के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. इमरान ने आरोप लगाया था कि रूस, चीन और अफगानिस्तान पर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के फैसलों के कारण उन्हें निशाना बनाया गया. उन्होंने इसे अमेरिका की साजिश का हिस्सा बताया था.

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