
पाकिस्तान के ननकाना साहिब से सिख लड़की के अगवा होने का मामला सुर्खियों में है. इस घटना के बाद पाकिस्तान में सिखों की सुरक्षा का मसला उठ रहा है. अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर चौधरी सरवर खाने ने इंटरनेशनल सिख कन्वेंशन के दौरान करतारपुर कॉरिडोर के नवंबर से पहले खुलने की बात दोहराई. साथ ही उन्होंने सिख समुदाय को आश्वासन दिया कि उनके अधिकारों की हर कीमत पर रक्षा की जाएगी.
बता दें कि पाकिस्तान में एक सिख किशोरी के अपहरण एवं जबरन धर्मांतरण को लेकर दबाव में आई पंजाब प्रांत की सरकार ने नाराज सिखों के साथ वार्ता करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है. किशोरी के परिवार ने आरोप लगाया कि लड़की को बंदूक का भय दिखाकर उससे जबरन इस्लाम कबूल कराया गया और उसे एक मुस्लिम लड़के से विवाह करने के लिए मजबूर किया गया.
उसके परिवार का कहना है कि लड़की की आयु 18 वर्ष है. ननकाना शहर पुलिस के जांच अधिकारी मोहम्मद जमील ने बताया कि इस मामले में छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. संदिग्धों में से एक अरसलान को गिरफ्तार कर लिया गया है.
वह सिख लड़की से शादी करने वाले मुख्य संदिग्ध मोहम्मद हसन का दोस्त है. अदालत के आदेश पर किशोरी को शुक्रवार को लाहौर में एक आश्रय गृह में भेज दिया गया. इस घटना के बाद सिख एवं मुस्लिम समुदायों में तनाव बढ़ गया है.
कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि ननकाना साहिब में सिख समुदाय ने गुरुद्वारा जन्मस्थान समेत सभी गुरुद्वारों में मुस्लिमों के प्रवेश पर तब तक रोक लगा दी है, जब तक किशोरी अपने परिवार से मिल नहीं जाती और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती. पंजाब पुलिस ने राज्य के कानून मंत्री राजा बशारत के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है, जिसे हालात शांत करने के लिए ननकाना साहिब भेजा गया है.
यह समिति 30 सदस्यीय समिति से वार्ता करेगी जिसका गठन इस घटना को लेकर पाकिस्तान के सिख समुदाय ने किया है. पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के महासचिव अमीर सिंह ने कहा कि ननकाना साहिब में हालात काबू में हैं. उम्मीद है कि यह मामला सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा लिया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि ननकाना साहिब में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं.