
पाकिस्तान ने एक बार फिर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत उसके साथ संबंध बेहतर नहीं करना चाहता. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने गुरुवार को कहा कि वह भारत के साथ अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन भारत को कश्मीर समेत लंबित मुद्दों पर बातचीत के जरिये हल निकालने के लिए गंभीरता दिखानी चाहिए. विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुम्ताज जहरा बलोच ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया के सभी देशों के साथ आपसी सम्मान और संप्रभु समानता के आधार पर पड़ोसियों के साथ शांति की नीति को जारी रखेगा.
जहरा बलोच ने कहा,‘पाकिस्तान की रुचि शांति और संवाद में है. यह भारत पर है कि वह रिश्ते को सुधारने के लिए जिम्मेदार रुख अपनाएं. उन्होंने कहा,‘पाकिस्तान का मानना है कि द्विपक्षीय संबंध तब तक पूरी तरह सामान्य नहीं हो सकते, जबतक कि लंबित विवादों का समाधान न हो जाए, खासतौर पर जम्मू-कश्मीर का मुख्य मुद्दा.’ पाकिस्तानी प्रवक्ता ने कहा कि इस्लामाबाद कश्मीर विवाद का संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत समाधान की कोशिश करता रहेगा.
अनुच्छेद-370 खत्म करने के बाद बिगड़ गए थे व्यापारिक संबंध
पाकिस्तान-भारत रिश्ता कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण हैं. दोनों देशों के संबंध उस समय अपने निचले स्तर पर आ गए जब भारत ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के प्रावधान अनुच्छेद-370 को खत्म कर दिया. भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी और भारतीय राजदूत को वापस भेजने के साथ कूटनीतिक संबंधों को सीमित कर दिया. 2019 के बाद से दोनों देशों के व्यापारिक संबंध लगभग ठप है.
भारत ने पाकिस्तान से कहा कि पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश देश का अखंड और अविभाज्य हिस्सा था, है और रहेगा. बलोच ने कहा कि पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश सहित अन्य दक्षिण एशियाई देशों से बेहतर संबंध चाहता है. उन्होंने कहा, इस्लामाबाद के दुनियाभर के प्रमुख देशों के साथ अच्छे संबंध हैं और आने वाले दिनों में इन संबंधों को और गहरा करेंगे.
UN में कश्मीर मुद्दा उठाने पर जयशंकर ने लगाई थी फटकार
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने 15 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया था. हालांकि उसे भारत की तरफ से मुंह की खानी पड़ी थी. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि जिसे पूरी दुनिया अस्वीकार्य मानती है, उसे वाजिब ठहराने का सवाल ही नहीं उठता. यह सीमापार आतंकवाद पर भी लागू होता है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि जिस देश ने अल-कायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन की मेजबानी की और पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया, उसके पास उपदेश देने की साख नहीं है.