
भारत ने दो दिसंबर को दिसंबर 2022 महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभाली है. भारत की अध्यक्षता संभालने के बाद से ही पाकिस्तान में खलबली मची है. पाकिस्तान को अंदाजा है कि भारत की अध्यक्षता में आतंकवाद को लेकर उससे तीखे सवाल किए जाएंगे इसीलिए उसने पहले से ही भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाना शुरू कर दिया है.
दुनिया की नजरों में पाकिस्तान खुद को बेगुनाह दिखाने के मकसद से पिछले कुछ दिनों से भारत को ही घेरने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान सरकार के तमाम मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत के खिलाफ जमकर बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं.
यूएनएसी में 14 दिसंबर को होने वाली पहली मीटिंग से पहले ही पाकिस्तान ने यूएन मेंबर्स के बीच डॉजियर (किसी खास संदेश का डॉक्यूमेंट) बांटते हुए कहा कि लाहौर में हाफिज सईद के घर 2021 में हुए बम ब्लास्ट में भारतीय एजेंसियों ने मास्टरमाइंड की भूमिका निभाई थी.
यूएन में एक बार फिर उठाया कश्मीर मुद्दा
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल जरदारी भुट्टो ने बुधवार को सुरक्षा परिषद की बैठक में भी जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया था. बिलावल ने भारत पर आरोप लगाया था कि जम्मू कश्मीर पर भारत अवैध रूप से कब्जा किए हुए है और यहां के लोगों पर अत्याचार कर रहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने मांग की थी कि कश्मीर मुद्दे पर UNSC के प्रस्तावों को लागू किया जाए.
भारत ने दिया करारा जवाब
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को जरदारी भुट्टो की ओर से कश्मीर राग अलापने का करारा जवाब देते हुए कहा कि जिस देश ने ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादी को पनाह दी हो और अपने पड़ोसी देश के संसद पर हमला किया हो, उसे उपदेश नहीं देना चाहिए.
पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री ने भी की भारत को घेरने की कोशिश
बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने भी भारत को घेरने की कोशिश की थी. हिना रब्बानी खार ने कहा था कि पाकिस्तान ने इंटरपोल के जरिए कई भारतीय नागरिकों के खिलाफ रेड वारंट जारी करवाया है. ये सभी पाकिस्तान में हुए आतंकवादी हमलों और चीनी नागरिक समेत चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा को क्षति पहुंचाने के दोषी हैं.
हिना रब्बानी खार ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने पाकिस्तान में पिछले दो सालों में 1200 से ज्यादा आतंकी हमले किए हैं. विदेश राज्य मंत्री ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि आतंकवाद का इस्तेमाल भारत से ज्यादा किसी देश ने भी नहीं किया है. मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत पाकिस्तान को अस्थिर करना चाहता है और इसपर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ध्यान देना चाहिए.
पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार का बयान ऐसे समय में आया है जब भारत UNSC मीटिंग में सीमा पार आतंकवादी हमले, 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दोषी के खिलाफ मुकदमा चलाने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन (CCIT) के लिए 1996 के अपने प्रस्ताव को अपनाने की अपील करेगा. संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिथि रुचिरा कंबोज ने गुरुवार को कहा कि आतंकवाद का खतरा पूरी दुनिया को है.
पाकिस्तान के गृह मंत्री भी इस मुहिम में शामिल
दुनिया की नजरों में पाकिस्तान को बेगुनाह साबित करने के मुहिम में गृह मंत्री राना सनाउल्लाह ने मंगलवार को भारत के खिलाफ मुहिम छेड़ते हुए कहा कि हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं कि भारत पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देता है. मंत्री ने कहा था कि सरकार इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उठाएगा.
मंत्री ने इस्लामाबाद में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि पाकिस्तान दशकों से आतंकवाद की आग में जल रहा है. हमारे मस्जिद, इमामबाड़ा समेत महत्वपूर्ण इमारतों को टारगेट किया जा रहा है और हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं कि इसमें भारत का हाथ है.
दो साल के कार्यकाल में दूसरी बार भारत को मिली अध्यक्षता
अस्थायी सदस्य के रूप में यह दूसरी बार है जब भारत को इसकी अध्यक्षता मिली है. इससे पहले अगस्त 2021 में भारत को अध्यक्षता मिली थी. सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य होते हैं. इसमें 5 स्थायी सदस्य होते हैं जबकि 10 अस्थायी सदस्य होते हैं. चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका इसके स्थायी सदस्य हैं. सुरक्षा परिषद का हर एक सदस्य देश एक-एक महीने के लिए परिषद की अध्यक्षता संभालता है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74 वें सत्र के दौरान हुए चुनाव के बाद भारत को दो वर्ष (2021 और 2022) के लिए अस्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था. सुरक्षा परिषद में भारत की अस्थायी सदस्य के रूप में भारत का दो वर्ष का कार्यकाल 1 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था.