
पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (CPEC) प्राधिकरण के काम में तेजी लाने के लिए सीपीईसी अथॉरिटी के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) असीम सलीम बाजवा को पद से हटा दिया है. अब उनकी जगह खालिद मंसूर को इस पद की जिम्मेदारी दी गई है. बीजिंग की कोशिश है कि जल्द से जल्द इस महत्वकांक्षी परियोजना को अंजाम तक पहुंचाया जा सके. खालिद मंसूर के पास पेट्रोकेमिकल सेक्टर का 32 वर्षों का अनुभव है. उन्होंने कई मेगा साइज प्रोजेक्ट में काम किया है.
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस संबंध में नोटिस जारी कर आदेश दिया है. रिटार्यड लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा की गिनती इमरान खान के बेहद करीबी लोगों में होती है. ऐसे में उन्हें पद से हटाने के पीछे यह कहा जा रहा है कि चीन का भारी दबाव था.
हाल ही में पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया था कि चीन पाकिस्तान में सीपीईसी परियोजनाओं की धीमी रफ्तार से खुश नहीं है. वहीं, पाकिस्तान में सीपीईसी परियोजनाओं के लिए काम करने वाले कई चीनी नागरिकों पर भी हाल ही में हमले हुए थे. सियासी तौर पर अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में 14 जुलाई को 9 चीनी नागरिकों समेत 13 लोगों की एक विस्फोट में मौत हो गई थी. चीन इस घटना पर बेहद नाराज था.
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नागरिकों पर हमले से नाराज था चीन
हमले के तत्काल बाद चीन की एक टीम पाकिस्तान आई थी. चीन की टीम मौके पर पहुंची और बात सामने आई कि आतंकवादियों ने यह हमला किया था, जिसमें 13 लोगों ने जान गंवा दी. दरअसल एक प्लांट पर कुछ चाइनीज कंस्ट्रक्टर और इंजीनियर काम कर रहे थे, तभी बम विस्फोट हुआ था. बाजवा का हटना इमरान सरकार के लिए बड़ा झटका है. चीन हमले के बाद से ही बेहद नाराज था.
चीन के लिए महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट
CPEC पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर पोर्ट को चीन के झिंजियांग प्रांत से जोड़ता है. यह परियोजना चीन की महत्वाकांक्षी बहु-अरब डॉलर की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव है. सीपीईसी को लेकर भारत ने चीन के सामने विरोध जताया है क्योंकि इसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के जरिए बिछाया जा रहा है. BRI को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2013 में सत्ता में आने पर लॉन्च किया था. इसका उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को भूमि और समुद्री मार्गों के नेटवर्क से जोड़ना है.