
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के भारत दौरे से ऐसी उम्मीदें जताई जा रही थीं कि दोनों देशों के रिश्तों में थोड़ी नरमी आएगी लेकिन दोनों तरफ से तीखे बयानों ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने अपनी भारत यात्रा के दौरान कश्मीर में जी-20 की बैठक आयोजित करने को लेकर धमकी के अंदाज में कहा था कि वक्त आने पर ऐसा जवाब दिया जाएगा कि याद रखा जाएगा. अब पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा है कि बिलावल भुट्टो के बयान को गैर-जिम्मेदाराना तरीके से तोड़-मरोड़ कर पेश किया है.
4-5 मई को गोवा में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में शामिल होने भारत आए बिलावल भुट्टो ने कश्मीर में जी-20 की बैठक आयोजित करने को लेकर मीडिया की तरफ से पूछे गए एक सवाल पर कहा था कि पाकिस्तान भारत के इस कदम की निंदा करता है.
उन्होंने कहा था, 'हम इसकी निंदा करते हैं और वक्त आने पर हम इसका ऐसा जवाब देंगे जो याद रखा जाएगा.'
उन्होंने कहा कि 'विवादित क्षेत्र में जी-20 की बैठक आयोजित करना भारत की संकीर्णता को दर्शाता है और यह दुनिया को भारत का घमंड दिखाता है कि उसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों की बिल्कुल परवाह नहीं करता.'
बिलावल ने आगे दावा किया कि कश्मीर में आयोजित होने वाली जी-20 की मीटिंग में सभी सदस्य देश शामिल नहीं होंगे क्योंकि वो अपनी नैतिकता से समझौता नहीं करेंगे.
'भारतीय मीडिया ने बिलावल के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया'
कश्मीर में जी-20 की बैठक को लेकर दिए बिलावल भुट्टो के बयान पर विवाद होने पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सफाई देने की कोशिश की है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने एक प्रेस बयान में कहा, 'विदेश मंत्री ने बातचीत, अंतरराष्ट्रीय कानून और UNSC के प्रस्तावों के अनुसार संघर्ष समाधान का एक महत्वपूर्ण संदेश दिया लेकिन उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया और इसके जरिए उनके महत्वपूर्ण संदेश से ध्यान हटाने की कोशिश की गई.'
पाकिस्तान के अखबार, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि बिलावल भुट्टो के बयान को भारत की मीडिया ने तोड़-मरोड़ कर धमकी के रूप में पेश किया जो कि गलत था.
मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, 'संवेदनशील मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय पत्रकारिता के नियमों का सम्मान किया जाना चाहिए. कई भारतीय मीडिया आउटलेट्स ने विदेश मंत्री की हालिया भारत यात्रा के दौरान उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया.'
22-24 मई को श्रीनगर में जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक आयोजित करने के भारत के फैसले पर पाकिस्तान ने पहले ही अपना कड़ा रोष जताया था. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस लेकर जारी एक बयान में कहा था, 'भारत का यह नया गैर-जिम्मेदाराना कदम UNSC के प्रस्तावों की सरासर अवहेलना और संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के उल्लंघन है. पाकिस्तान इन कदमों की कड़ी निंदा करता है.'
बिलावल भुट्टो के बयान पर जयशंकर का तीखा पलटवार
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने को बिलावल भुट्टो ने एकतरफा कदम बताते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों और द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है. उनकी इस टिप्पणी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तीखा पलटवार करते हुए कहा, '370 अब इतिहास बन चुका है. लोग ये बात जितनी जल्दी समझ जाएं, उतना बेहतर है.'
जयशंकर ने कश्मीर में जी-20 की बैठक आयोजित करने को लेकर बिलावल की टिप्पणी पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, 'जी-20 देशों की बैठक को लेकर बातचीत करने का कोई मामला नहीं है. इस बारे में हम किसी ऐसे मुल्क से बात नहीं कर सकते जो इसका हिस्सा नहीं है. जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का हिस्सा है और रहेगा. जी-20 की बैठकें भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होंगी, यह स्वाभाविक है.'